Ratan Tata Death: भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के निधन ने देश को शोक में डुबा दिया है. उनके निधन के बाद अब उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. रतन टाटा पारसी समुदाय से ताल्लुक रखते थे. हालांकि बताया गया है कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू परंपराओं के अनुसार शमशान घाट में होगा.

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ऐलान किया है कि भारत के 'रत्न' को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. वहीं आज शाम चार बजे वर्ली श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार होगाहालांकि पारसी धर्म में अंतिम संस्कार का तरीका बिल्कुल अलग होता है. चलिए जानते हैं कि पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है.


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पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार की परंपरा


पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार की परंपराएं बहुत पुरानी और अनूठी हैं. इस समुदाय में शव को न तो जलाया जाता है और न ही दफनाया जाता है. पारसियों का मानना है कि मृत्यु के बाद शरीर को प्रकृति के पास लौटा देना चाहिए. इसीलिए वो अपने मृतकों को 'टावर ऑफ साइलेंस' या 'दखमा' नामक एक खास चीज बनाकर उसमें रखते हैं.


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क्या होता हैटॉवर ऑफ साइलेंस’?


टावर ऑफ साइलेंस एक खुली, गोल संरचना होती है, जिसके बीच में एक गड्ढा होता है. इस गड्ढे में मृतकों के शरीर को रखा जाता है. आसपास के पक्षी इन शवों को खा जाते हैं और इस तरह शरीर को प्रकृति के पास लौटा दिया जाता है. दरअसल पारसियों का मानना है कि आकाश, पृथ्वी और आग पवित्र हैं, इसलिए मृत शरीर को इनमें से किसी में भी नहीं मिलाया जाना चाहिए. पारसी समुदाय का यह तरीका पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें किसी तरह के रसायन या प्रदूषण का उपयोग नहीं होता है. हालांकि कम ही लोग अब इस पुरानी परंपरा को अपना रहे हैं.


कहां कर सकते हैं अंतिम दर्शन?


रतन टाटा के पार्थिव शरीर को कोलाबा स्थित उनके घर लाया गया है. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स हॉल में रखा जाएगा. जहां सुबह 10 बजे से दोपहर साढ़े तीन बजे तक आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. अंतिम दर्शन के बाद रतन टाटा के पार्थिव शरीर को वर्ली श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए लाया जाएगा. बता दें कि यहीं साइरस मिस्त्री का भी अंतिम संस्कार हुआ था.


मुंबई पुलिस के सम्मान गार्ड टीम ने एबीपी न्यूज से बताया कि रतन टाटा को उनके घर के बाहर ही सलामी दी जाएगी. गौरतलब है कि मुंबई पुलिस बैंड में कुल 23 लोग होते हैं. 23 लोगों में से 21 लोग बैंड के अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स बजाते हैं और दो गार्ड होते हैं. यहीं पर रतन टाटा के पार्थिव शरीर को तिरंगे से लपेटा जाएगा.


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