Dhurandhar Revenue Tax: रणवीर सिंह की लेटेस्ट ब्लॉकबस्टर फिल्म धुरंधर 500 करोड़ के क्लब में शामिल हो चुकी है. जिस तरफ फैंस रणवीर सिंह की इस बड़ी उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं वहीं लोगों के मन में एक सवाल भी उठ रहा है कि इस भारी कमाई के बाद टैक्स के रूप में आखिर सरकार के पास कितना हिस्सा जाएगा. आइए जानते हैं क्या है इस सवाल का जवाब.

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मूवी टिकट पर जीएसटी 

सरकार द्वारा इकट्ठा किया जाने वाला सबसे बड़ा और सबसे पहला टैक्स होता है सिनेमा टिकट पर लगने वाला गुड्स एंड सर्विस टैक्स. मौजूदा जीएसटी स्ट्रक्चर के तहत ₹100 से ज्यादा कीमत वाले टिकटों पर 18% का जीएसटी लगता है. इसी के साथ ₹100 या उससे कम कीमत वाले टिकटों पर 12% का जीएसटी लगता है. अब क्योंकि ज्यादातर मल्टीप्लेक्स टिकट ज्यादा कीमत वाली कैटेगरी में आते हैं, इस वजह से एक बड़े बजट की हिंदी फिल्म पर जीएसटी आमतौर पर 18% के करीब होता है. 

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अगर फिल्म का ग्रॉस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 500 करोड़ रुपए है तो सिर्फ जीएसटी से ही सरकार को लगभग 75 से 80 करोड़ रुपए मिल सकते हैं. इस रकम को टिकटों की बिक्री से पहले ही काट लिया जाता है जिसके बाद बचा हुआ रेवेन्यू प्रोड्यूसर्स और थिएटर मालिकों के बीच बांटा जाता है. 

जीएसटी के बाद बॉक्स ऑफिस का पैसा कैसे बांटा जाता है 

जीएसटी कटने के बाद बची हुई रकम नेट बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बन जाती है. यह नेट रकम फिर प्रोड्यूसर और सिनेमा मालिकों के बीच बांटी जाती है. आमतौर पर एक पहले से तय रेशियों में जो हफ्ते और इलाके के हिसाब से अलग-अलग होता है. हालांकि यह बंटवारा सीधे तौर पर टैक्स कलेक्शन पर प्रभाव नहीं डालता है, लेकिन यह तय करता है कि आखिर में प्रोडक्शन हाउस तक कितनी इनकम पहुंचती है और इसलिए बाद में कितना इनकम टैक्स दिया जाएगा. 

फिल्म के मुनाफे पर इनकम टैक्स 

प्रोडक्शन कॉस्ट, मार्केटिंग खर्च और रेवेन्यू शेयरिंग को हिसाब में लेने के बाद प्रोडक्शन हाउस अपना मुनाफा कमाता है. आपको बता दें कि इस मुनाफे पर कॉर्पोरेट इनकम टैक्स लगता है. ज्यादातर फिल्म प्रोडक्शन कंपनियों 25 से 30 कॉर्पोरेट टैक्स स्लैब के तहत आती हैं.

500 करोड़ रुपए कमाने वाली फिल्म के लिए अगर नेट मुनाफा अच्छा खासा है तो अकेली प्रोडक्शन कंपनी द्वारा दिया गया इनकम टैक्स 50 से 70 करोड़ रुपए तक हो सकता है.

डिस्ट्रीब्यूशन और दूसरी सर्विसेज पर जीएसटी 

टिकट बिक्री के अलावा डिस्ट्रीब्यूशन राइट्स, सैटेलाइट राइट्स और डिजिटल राइट्स पर भी जीएसटी लगता है. यह जीएसटी आमतौर पर 18% होता है. क्योंकि 500 करोड़ की फिल्म के डिस्ट्रीब्यूशन और स्ट्रीमिंग राइट्स के लिए काफी ज्यादा कीमत मिलती है. इस वजह से इनडायरेक्ट टैक्स सरकारी रेवेन्यू में कई करोड़ रुपये जोड़ देता है. इसी के साथ एक्टर्स डायरेक्टर्स और टेक्नीशियन की फीस पर भी अलग से टैक्स लगता है. यह टेक्स कॉन्ट्रैक्ट के नेचर के हिसाब से 2% से 10% तक होता है. अब अगर कुल टैक्स कलेक्शन की बात करें तो 500 करोड़ की ब्लॉकबस्टर फिल्म से सरकार की कुल कमाई 150 से 200 करोड़ के बीच हो सकती है.

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