मेघालय हनीमून मनाने गए इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या में रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजा के हत्या में खुखरी का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस के अनुसार, सोनम ने घूमने के बहाने राजा को मेघालय लेकर आई थी, जहां शिलॉन्ग में पहले से ही तीन आरोपियों को उसने बुलाकर रखा था. उन्होंने अलग अलग जगह रुककर इस हत्या को अंजाम देने का पूरा प्लान रचा. हत्या के बाद सोनम गुवाहाटी, फिर इंदौर और फिर यूपी तक पहुंची जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया. चलिए. आपको बताते हैं कि खुखरी का भारत के किन राज्यों में इस्तेमाल किया जाता है.
किन राज्यों में होता है खुखरी का इस्तेमाल
खुखरी मुख्य तौर पर पूर्वोत्तर भारत और नेपाल से जुड़ा एक पारंपरिक हथियार और औजार है. अगर आप गोरखा सैनिक या गोरखा समुदाय को देखते हैं तो उनके लिए यह खास पहचान मानी जाती है. पूर्वोत्तर में अगर आप सिक्किम जाते हैं तो यहां गोरखा समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है. इसके चलते पारंपरिक आयोजनों, त्योहारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में खुखरी यहां एक अहम प्रतीक होती है. असम में भी गोरखा रेजीमेंट और स्थानीय गोरखा लोग खुखरी को पारंपरिक शौर्य के प्रतीक के रूप में रखते हैं. अगर आप अरुणाचल प्रदेश जाते हैं तो यहां आसपास के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले गोरखा और नेपाली मूल के लोग खुखरी का प्रयोग करते हैं. इसके अलावा दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी जैसे पश्चिम बंगाल में भी उपयोग की जाती है. इसके अलावा आपको यह मेघालय, मिजोरम, मणिपुर में भी देखने को मिल जाएगा जहां आसपास गोरखा समुदाय के लोग होंगे. अगर आप नार्थ इंडिया की तरफ आते हैं तो उत्तराखंड में भी गोरखा रेजीमेंट और कई नेपाली मूल के लोगों के बीच यह काफी पॉपुलर है.
सेना में भी उपयोग
खुखरी का इस्तेमाल सेना में भी होता है खासकर गोरखा रेजीमेंट में खुखरी को एक युद्ध औजार, परेड प्रतीक और व्यक्तिगत सम्मान के रूप में प्रयोग किया जाता है. उत्तराखंड के देहरादून में बनने वाली खुखरी का इस्तेमाल भारतीय सेना के साथ साथ कई दूसरे देश की सेना भी करती है.
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