हमारी धरती का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है...वहीं उसके एक चौथाई जमीन पर इंसान रहते हैं. लेकिन इस एक चौथाई जमीन पर भी कई ऐसी रहस्यमयी जगहें हैं जिनके बारे में शायद ही कोई जानता होगा. आज हम वैसी ही एक जगह की बात करेंगे जिसे सैटेलाइटों का कब्रिस्तान कहा जाता है. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इस जगह पर किसी देश का अधिकार नहीं है. दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच स्थित इस हिस्से में कोई इंसान कभी नहीं जाता...यहां आपको एक भी जीव नज़र नहीं आएगा. इस वीरान जगह पर जो भी जाता है उसे अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देती हैं, जो किसी के भी अंदर डर पैदा कर दें. इस जगह को विज्ञान की भाषा में प्वाइंट नीमो कहते हैं.

क्या है नीमो प्वाइंट

प्वाइंट नीमो वो जगह है जिसे धरती का सबसे दुर्गम स्थान कहा जाता है. दुनिया का नक्शा आप देखें तो किसी भी देश या महाद्वीप से इसकी दूरी सबसे ज्यादा है. यानी यहां जाना लगभग नामुमकिन है. यह प्रशांत महासागर के बीच का एक बिंदु है, जिसकी खोज साल 1992 में एक सर्वे इंजीनियर Hrvoje Lukatela के द्वारा की गई थी. इसे और सही से समझें तो यह जगह दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच स्थित है. ये जगह इतने वीराने में है कि यहां से किसी भी और द्वीप पर जाने के लिए कम से कम 2700 किलोमीटर का सफर तय करना पडे़गा.

क्यों कहा जाता है सैटेलाइटों का कब्रिस्तान

प्वॉइंट नीमो की एक खास बात ये है कि इस जमीन पर दुनिया का कोई देश दावा नहीं करता है. यही वजह है कि इस जमीन का उपयोग वैज्ञानिक सैटेलाइट्स को यहां गिराने के लिए करते हैं. दरअसल, जो सैटेलाइट्स खराब हो जाती हैं, उन्हें स्पेस में छोड़ने की बजाय कुछ देशों के वैज्ञानिक इन्हें यहां क्रैश करा देते हैं. आपको बता दें प्वॉइंट नीमो पर अभी तक 100 से भी ज्यादा खराब सैटेलाइट्स गिराए जा चुके हैं. यही वजह है कि इसे सैटेलाइट्स का कब्रिस्तान कहा जाता है. इसके साथ ही सैटेलाइट्स के ईंधन भी यहां गिराए जाते हैं. यहां हजारों किलोमीटर तक सैटेलाइट्स का मलबा फैला रहता है. 

अजीब आवाजों की चीख से डर जाएंगे आप

हैरानी की बात है कि इस वीराने में दूर दूर तक जीवन का कोई नामो निशाम नहीं है, लेकिन फिर भी जब आप यहां जाते हैं तो आपको कहीं दूर से एक चीख की आवाज सुनाई देती है. कई लोग जो यहां गए उन्होंने इन डरावनी आवाजों को यहां महसूस किया. हालांकि, वैज्ञानिकों के अनुसार, यहां आस-पास कुछ ग्लेशियर हैं, जहां से बर्फ के चट्टान टूटते हैं और इन्हीं चट्टानों के टूटने की आवाज ही एक चीख की तरह आपको दूर से सुनाई देती है.

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