Pm Modi Address To Nation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश को संबोधित करने वाले हैं. जानकारी की मानें तो देश के नाम पीएम का संबोधन शाम 5 बजे होगा. फिलहाल तो सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम नई जीएसटी दर को लेकर बात कर सकते हैं. दरअसल भारत में प्रधानमंत्री जब भी राष्ट्र के नाम संबोधन करते हैं, तो यह केवल उनके व्यक्तिगत या राजनीतिक निर्णय से नहीं होता. इसके पीछे एक औपचारिक प्रक्रिया और संवैधानिक परंपरा जुड़ी होती है.

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इसी क्रम में चलिए जानते हैं कि अचानक देश के नाम संबोधन से पहले पीएम को किसे इस बात की जानकारी देनी होती है. 

सबसे पहले किसे देनी होती है जानकारी

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देश के प्रधानमंत्री जब भी अचानक से लोगों को संबोधित करते हैं, तो कई बार हैरान करने वाले फैसले भी दिए हैं. जब भी अचनाक पीएम को देश को संबोधित करना होता है तो सबसे पहले प्रधानमंत्री को भारत के राष्ट्रपति को सूचित करना पड़ता है. राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख हैं और राष्ट्र के नाम संदेश या संबोधन जैसी गतिविधियां उनकी जानकारी और सहमति से ही होती हैं. प्रधानमंत्री सीधे तौर पर राष्ट्रपति को यह बताते हैं कि वे किस मुद्दे पर और कब राष्ट्र को संबोधित करने जा रहे हैं.

राष्ट्रपति के बाद किसे बताना पड़ता है?

इसके बाद अचानक संबोधन की जानकारी केंद्रीय मंत्रिपरिषद और विशेषकर कैबिनेट सचिवालय को भी दी जाती है. क्योंकि राष्ट्र के नाम संबोधन में जो बातें कही जाती हैं, वे केवल प्रधानमंत्री की नहीं बल्कि पूरे मंत्रिपरिषद की सामूहिक जिम्मेदारी होती हैं.

व्यवहारिक स्तर पर तकनीकी व्यवस्थाएं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और प्रसार भारती और आकाशवाणी संभालते हैं. इन्हें समय रहते बता दिया जाता है, ताकि संबोधन का सीधा प्रसारण सुनिश्चित किया जा सके. सुरक्षा और प्रोटोकॉल से जुड़ी तैयारियों के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय भी इस प्रक्रिया में जुड़े रहते हैं.

आपातकालीन परिस्थितियों में किसे बताया जाता है

अंतरराष्ट्रीय महत्व या आपातकालीन परिस्थितियों (जैसे युद्ध, महामारी या बड़ी राष्ट्रीय आपदा) में संबोधन से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और संबंधित मंत्रालयों (जैसे स्वास्थ्य मंत्रालय या रक्षा मंत्रालय) से इनपुट लिया जाता है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि प्रधानमंत्री की कही गई हर बात तथ्यात्मक रूप से सही हो और पूरे शासन तंत्र का आधिकारिक रुख दर्शाए.

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