भारत की विदेश नीति और कूटनीति में प्रधानमंत्री की भूमिका हमेशा अहम रही है. स्वतंत्रता के बाद से लेकर आज तक हर प्रधानमंत्री ने विदेश यात्राओं के जरिए भारत की छवि और संबंधों को मजबूत करने की कोशिश की है. पीएम मोदी की बात करें तो हाल ही में वे जापान के दौरे के बाद चीन पहुंचे. पीएम सात के बाद चीन के दौरे पर पहुंचे थे. हालांकि यहां पर सवाल यह उठता है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी में से किस प्रधानमंत्री ने सबसे ज्यादा विदेशी दौरे किए? आइए आंकड़ों के साथ इसे विस्तार से समझते हैं

जवाहरलाल नेहरू की विदेश यात्राएं

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू 1947 से 1964 तक प्रधानमंत्री रहे और इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की पहचान बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. उन्होंने एशिया, यूरोप, अमेरिका और सोवियत संघ समेत सहित कई देशों का दौरा किया. 1949 में नेहरू ने कनाडा और अमेरिका की ऐतिहासिक यात्रा की, जहां उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत की बात रखी. इसके अलावा उन्होंने 1955 में बांडुंग सम्मेलन में हिस्सा लिया और चीन सहित कई एशियाई देशों का दौरा किया. 

हालांकि नेहरू की विदेशी यात्राओं की सटीक संख्या दर्ज नहीं है, लेकिन इतिहासकार मानते हैं कि उन्होंने दर्जनों अंतरराष्ट्रीय दौरे किए और भारत की गुटनिरपेक्ष नीति की नींव रखी.

इंदिरा गांधी की यात्राएं

इंदिरा गांधी दो बार प्रधानमंत्री बनीं, पहली बार वे 1966-1977 तक इस पद पर रहीं और दोबारा से 1980-1984 तक प्रधानमंत्री बनीं. उन्होंने विदेश यात्राओं का इस्तेमाल भारत की ताकत दिखाने और वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए किया था. उनके कार्यकाल में भारत ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में अहम भूमिका निभाई और सोवियत संघ से करीबी संबंध स्थापित किए थे. रिपोर्ट्स की मानें तो इंदिरा गांधी ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में 52 अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कीं और कुल 69 देशों का दौरा किया. इन दौरों में अमेरिका, सोवियत संघ, यूरोप, एशिया और अफ्रीका के देश शामिल थे. 

नरेंद्र मोदी के रिकॉर्ड तोड़ दौरे

नरेंद्र मोदी 2014 से अब तक प्रधानमंत्री पद पर आसीन हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद से विदेश यात्राओं को अपनी विदेश नीति का अहम हिस्सा बनाया है. 2024 तक के आंकड़ों की मानें तो पीएम मोदी ने 92 अंतरराष्ट्रीय दौरे किए और 78 देशों का भ्रमण किया है. यह संख्या इंदिरा गांधी और अन्य प्रधानमंत्रियों से कहीं ज्यादा है.

मोदी की विदेश यात्राएं न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि उन्होंने भारतीय प्रवासी समुदाय से भी सीधा जुड़ाव स्थापित किया. वे जिस भी देश में जाते हैं, वहां पर रहने वाले भारतीय लोगों से वे जरूर मिलते हैं. न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन से लेकर ऑस्ट्रेलिया के सिडनी ओपेरा हाउस और दुबई के क्रिकेट स्टेडियम तक, पीएम मोदी ने बड़े-बड़े आयोजनों में भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया है. इसके अलावा, उन्होंने क्वाड (QUAD), जी-20, ब्रिक्स (BRICS), शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे अंतरराष्ट्रीय समूहों में भारत की भूमिका को मजबूत किया है.

तीनों के दौरे में अंतर

अगर विदेशी दौरों की संख्या की तुलना करें तो पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी से लगभग दोगुने से भी ज्यादा दौरे किए हैं. जहां इंदिरा गांधी ने 52 बार विदेश यात्राएं कीं, वहीं पीएम मोदी की विदेशी दौरों की संख्या 92 तक पहुंच गई है. इसके अलावा, मोदी ने उन देशों तक भी संबंध बढ़ाए हैं, जहां पहले भारतीय प्रधानमंत्रियों ने कम ही दौरे किए थे, जैसे कि फिजी, म्यांमार, पापुआ न्यू गिनी, और अफ्रीकी महाद्वीप के छोटे देश. 

नेहरू और मोदी की विदेश यात्राओं की तुलना करना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि नेहरू के दौर में अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा और वैश्विक राजनीति का परिदृश्य अलग था. उस समय भारत एक नए स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में खुद को स्थापित कर रहा था, जबकि आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था और रणनीति में अहम खिलाड़ी है.

यह भी पढ़ें: इजरायल से हो गई यह गलती, वरना पाकिस्तान कभी नहीं बना पाता परमाणु बम