भारत में ज्यादातर लोग बोतल वाले पानी का इस्तेमाल करते हैं. आप जब भी कभी बाहर जाते हैं और आपको प्यास लगती है तो बिना कुछ सोचे सबसे पहले आप एक पानी वाला बोतल खरीदते हैं. यहां तक कि शहरों में रहने वाले युवा, छात्र और ज्यादातर लोग पीने के लिए बोतल वाले पानी का इस्तेमाल करते हैं. ये बोतल वाला पानी 20 रुपए से लेकर 100 रुपए के बीच आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पानी आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक है.


एक रिसर्च में पाया गया कि हर एक लीटर की पानी की बोतल में लगभग 10 प्लास्टिक के कण पाए जाते हैं और यह प्लास्टिक कण इतने ज्यादा छोटे होते हैं कि आपको आंखों से दिखाई नहीं देते और जब आप यह पानी पीते हैं तो आपके शरीर में सीधे तौर पर ये प्लास्टिक पहुंच जाता है, जो कुछ समय के बाद आपके शरीर में गंभीर समस्याओं का कारण बन जाता है.


क्या कहता है रिसर्च


बीबीसी में छपी एक खबर के अनुसार, ऑर्ब मीडिया ने दुनिया भर के करीब 9 देशों में मिलने वाले 250 पानी के बोतलों पर एक रिसर्च किया और इस रिसर्च में जो बात सामने आई उसने सबको हैरान कर दिया. इस रिसर्च में पता चला की हर एक लीटर प्लास्टिक की पानी की बोतल में औसतन 10 प्लास्टिक के कण पाए जाते हैं. ये कण इतने छोटे होते हैं कि आपको नंगी आखों से दिखाई नहीं देते, हालांकि पानी के साथ ये आपके शरीर में पहुंच जाते हैं और आपकी सेहत बिगाड़ देते हैं. इन प्लास्टिक के कणों की चौड़ाई आपके बालों से भी बड़ा होता है. इस रिसर्च में फ्रेडोनिया के स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के वैज्ञानिक भी शामिल थे.


भारत में मिलने वाले ब्रांड भी इसमें शामिल


इस रिसर्च के दायरे में भारती बाजार में मिलने वाली कई पानी के बोतल भी शामिल हैं. यानी आप अपने शहर में, कस्बों में जिन पानी की बोतलों को खरीदते हैं उनमें प्लास्टिक के कण हैं, जो आपको बीमार कर सकते हैं. इसलिए अगर आप कहीं भी जाते हैं तो पानी की बोतल घर से लेकर जाएं. कोशिश करें की ये पानी की बोतल कांच की हो या फिर तांबे की. क्योंकि आप किसी भी प्लास्टिक के बोतल में पानी रख कर ले जाएंगे, वो आपके लिए हानिकारक ही होगा.


पानी के बोतल में प्लास्टिक आता कैसे है


जिन बोतलों में पानी भर कर बेचा जाता है, वो बहुत उच्च क्वालिटी के बोतल होते हैं. हालांकि, इन बोतलों में जो ढक्कन लगे होते हैं उनकी क्वालिटी ठीक नहीं होती है. माना जा रहा है कि बोतल में इसी ढक्कन की वजह से प्लास्टिक आ जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि पानी का व्यापार करने वाले लोगों को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और हो सके तो इन बोतलों में इस्तेमाल होने वाले ढक्कन की क्वालिटी को बेहतर बनाया जाए.


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