बोतलबंद पानी आज के समय में हर इंसान पीता है. पहले तो लोग जब बाहर जाते थे, तभी बोदलबंद पानी खरीदते थे. लेकिन आज तो शहरों में रहने वाले ज्यादातर लोग बोतल वाले पानी पर निर्भर हैं. यहां तक कि बड़े-बड़े कॉरपोरेट ऑफिसों में भी बोतलबंद पानी का ही इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कितना जानलेवा है. सबसे बड़ी बात कि एक लीटर बोतलबंद पानी में इतनी ज्यादा मात्रा में प्लास्टिक होता है कि आप सोच भी नहीं सकते. चलिए आपको बताते हैं कि बोतलबंद पानी पर हुए नए रिसर्च में क्या बातें सामने निकल कर आई हैं.


एक लीटर पानी में कितना प्लास्टिक है


कोलंबिया यूनिवर्सिटी के एनवायरमेंटल केमिस्ट नैक्सिन कियान और उनकी टीम ने हाल ही में बोतलबंद पानी पर एक रिसर्च की. इस रिसर्च में उन्होंने जो खुलासा किया वो हैरान कर देने वाला है. उनके रिसर्च के हिसाब से एक लीटर बोतलबंद बिकने वाले कुछ पानी की बोतलों में 370,000 माइक्रो प्लास्टिक के पार्टिकल्स पाए गए. जबकि, एवरेज संख्या की बात करें तो ये 240,000 नैनो प्लास्टिक पार्टिकल्स है. ये पार्टिकल्स पहले हुए स्टडी के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं.


शरीर के लिए कितने घातक हैं ये


एक्सपर्ट कहते हैं कि नैनोप्लास्टिक का नुकसान हमें तुरंत नहीं दिखता, लेकिन अगर आप लंबे समय से प्लास्टिक वाला पानी पी रहे हैं तो यह आपके लिए घातक साबित हो सकता है. सबसे ज्यादा नैनोप्लास्टिक हमारे दिमाग को नुकसान पहुंचाता है. इसके अलावा नैनोप्लास्टिक से शरीर में जहर फैलने लगता है. ये जहर एक समय के बाद आपके लिए जानलेवा बन जाता है.


शरीर में और कैसे पहुंच रहे हैं नैनोप्लास्टिक


नैनोप्लास्टिक पार्टिकल्स बोतलबंद पानी के अलावा समुद्र से आने वाले नमक, मछली, प्लास्टिक की बोतलों में बिकने वाली शराब, चीनी और प्लास्टिक डिब्बों में बिकने वाले शहद के साथ इंसान के शरीर में घुस जा रहे हैं. ग्लोबल लेवल पर देखें तो हर साल 11,845 से 1,93,200 माइक्रोप्लास्टिक पार्टिकल्स इंसान निगल जाता है. हालांकि, इन पार्टिकल्स का सबसे बड़ा सोर्स बोतलबंद पानी है.


यही वजह है कि एक्सपर्ट हमेशा सलाह देते हैं कि आप जब भी पानी खरीदें या फ्रिज में रखें तो उसके लिए शीशे के बोतल का इस्तेमाल करें. हालांकि, शीशे के बोतल के साथ इस बात का ख्याल जरूर रखें कि उसे समय समय पर गर्म पानी से धुलते रहें. इससे आप बैक्टीरिया से होने वाले तमाम रोगों से बचे रहेंगे.


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