Pew Research Survey: धर्मांतरण एक ग्लोबल मुद्दा बन चुका है, ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि प्यू रिसर्च सेंटर की तरफ से किए गए ग्लोबल सर्वे में एक बार फिर यह बात साबित हो चुकी है. वैसे तो इसका सबसे ज्यादा असर बौद्ध और क्रिश्चियन धर्म में देखा जा रहा है. लेकिन हिंदू और मुस्लिम धर्म के लोगों पर भी धर्मांतरण का असर पड़ा है. प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट की मानें तो दुनियाभर में 36 देशों में किए गए सर्वे में सामने आया है कि बचपन से जिनका धर्म इस्लाम रहा है, उनमें से ज्यादातर वयस्क होने के बाद भी मुस्लिम हैं. इन देशों में ऐसे लोगों की संख्या कम है, जो कि जन्म से मुस्लिम थे, लेकिन अब खुद को इस्लाम धर्म का नहीं मानते हैं. इस रिपोर्ट में हिंदुओं के धर्मांतरण को लेकर भी बातें नतीजे सामने आए हैं.
इस देश में कई लोगों ने कबूला इस्लाम
36 देशों में हुए सर्वे में 13 देशों से नमूने प्राप्त हुए हैं. इस रिपोर्ट में पाया गया है कि इन देशों में ऐसे बहुत कम लोग हैं, जिन्होंने इस्लाम छोड़ दिया है, या फिर वो इस्लाम से जुड़े ही नहीं. जिन लोगों ने इस्लाम छोड़ दिया है वो या तो नास्तिक हो गए हैं या अज्ञेयवादी हो गए हैं, या तो फिर ईसाई बन गए हैं. अमेरिका और केन्या में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है, जिन्होंने अपना जन्मजात धर्म छोड़कर इस्लाम अपना लिया है. इन दोनों देशों में 20% अमेरिकी मुसलमान और 11% केन्याई इस्लामिक लोग कहते हैं कि जन्म के के वक्त उनका धर्म कुछ और था, जो कि अब बदल चुका है.
ज्यादातर क्रिश्चियन ने अपनाया इस्लाम
इस्लाम धर्म अपनाने वालों में ज्यादातर क्रिश्चियन हैं. इसके अलावा इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि वयस्कों में से 3% या उससे कम लोगों ने इस्लाम छोड़ा या इसे अपनाया है. देखा जाए तो इस आधार पर धार्मिक परिवर्तन कम ही हुआ है. इंडोनेशिया में हुए सर्वे में पता चला है कि वयस्कों में से 1% से कम ने भी इस्लाम छोड़ा या फिर इसको अपनाया है. ज्यादातर जगहों पर 90% से ज्यादा लोगों ने इस्लाम नहीं छोड़ा है.
हिंदुओं की क्या है स्थिति
हिंदू धर्म से जुड़ने और छोड़ने को लेकर 36 में से सिर्फ चार देशों से ही पर्याप्त आंकड़े मिल पाए हैं. इन देशों में भारत, अमेरिका, श्रीलंका और बांग्लादेश का नाम शामिल है. भारत और बांग्लादेश में ज्यादातर हिंदू आज भी हिंदू के रूप में अपनी पहचान कायम किए हुए हैं. श्रीलंका में हिंदू के रूप में पले-बढ़े दस में से नौ लोग अपनी पहचान को बरकार रखे हैं. वहीं अमेरिका में भी हिंदुओं ने धर्म परिवर्तन कम ही किया है. अमेरिका में 18% और श्रीलंका में 11% लोग अब हिंदू के रूप में नहीं पहचाने जाते हैं, जबकि जन्म से वो हिंदू ही थे. अमेरिका में जिन लोगों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया है वो या तो खुद को नास्तिक मानते हैं, या फिर अज्ञेयवादी. वहीं श्रीलंका में हिंदू धर्म छोड़ने वाले ईसाई बन गए हैं.
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