14 नवंबर को देशभर में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 136वीं जयंती का उत्सव मनाया जा रहा है. यही तारीख बच्चों के प्रति उनके स्नेह की वजह से बाल दिवस के रूप में भी मनाई जाती है. इसी बीच बिहार चुनाव की काउंटिंग ने माहौल और गर्म कर दिया है. एक तरफ वोटों की गिनती हर राउंड में नया मोड़ ले रही है, वहीं दूसरी तरफ एक सवाल यह है कि क्या नेहरू और जिन्ना ने कभी साथ बैठकर शराब पी थी? यह तुलना इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि दोनों की लाइफस्टाइल बिल्कुल दो अलग दुनिया की कहानी कहती है. चलिए जानें.
इतिहास से जुड़े तथ्यों के आधार पर इसका जवाब साफ है कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिलता कि नेहरू और जिन्ना ने कभी साथ में शराब पी. जिन्ना की जीवनशैली में शराब और वाइन शामिल जरूर थीं, लेकिन नेहरू के बारे में यह बात ऐतिहासिक रूप से गलत साबित होती है.
नेहरू की पर्सनैलिटी
नेहरू को सिगरेट की आदत जरूर थी. वह स्टेट एक्सप्रेस 555 पीते थे और उनके सुरक्षा अधिकारी एफ. रुस्तमजी ने भी अपनी किताब में यह बात साफ दर्ज की है, लेकिन नेहरू शराब नहीं पीते थे, न निजी तौर पर और न ही किसी सरकारी कार्यक्रम में शराब परोसने की अनुमति देते थे.
एक दिलचस्प किस्सा है कि जब रुस्तमजी उनके कमरे में गए तो उन्होंने देखा कि नेहरू के फटे मोजों को उनका नौकर सिल रहा था. नेहरू फिजूलखर्ची के कड़े विरोधी थे, लेकिन कला के प्रति प्रेम इतना था कि गांधी की एक पेंटिंग खरीदने के लिए उन्होंने बिना झिझक 5000 रुपये खर्च कर दिए, जो उस समय बड़ी रकम थी.
सरकारी भोजों में शराब परोसने पर नेहरू हमेशा सख्ती से मना कर देते थे. हां, 1955 में रूस यात्रा के दौरान ख्रुश्चेव के सम्मान में आयोजित भोज में उन्होंने केवल विदेशी मेहमानों के लिए वाइन सर्व करने की अनुमति दी थी, वह भी इस शर्त के साथ कि कोई भारतीय उसका सेवन नहीं करेगा.
जिन्ना की लाइफस्टाइल
जिन्ना का जीवन बिल्कुल अलग था. लंदन में उनके बंगले, बेंटले कार और ब्रिटिश ड्राइवर उनके लग्जरी लाइफस्टाइल का हिस्सा थे. वे हवाना सिगार, ब्रिटिश ब्रांड की सिगरेट और महंगी वाइन के शौकीन थे. शुरुआती वर्षों में वे शराब और सूअर का मांस भी खाते थे, जो उनके धर्मनिरपेक्ष सोच और पश्चिमी प्रभाव को दर्शाता है. राजनीति में आने के बाद उनके शराब छोड़ देने की चर्चा जरूर है, लेकिन इसके पर्याप्त सबूत इतिहास में दर्ज नहीं हैं.
जिन्ना एक सेक्युलर पाकिस्तान की कल्पना करते थे, जहां धर्म आधारित भेदभाव न हो. लेकिन आज की पाकिस्तान की स्थिति उनकी उस सोच से काफी अलग नजर आती है.
क्या दोनों ने कभी साथ शराब पी?
इतिहासकारों, दस्तावेजों और विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर यह दावा पूरी तरह गलत साबित होता है. नेहरू शराब नहीं पीते थे, जबकि जिन्ना पीते थे, इसलिए दोनों का साथ बैठकर शराब पीना असंभव जैसा ही है. दोनों की लाइफस्टाइल, आदतें, सामाजिक सोच और निजी अनुशासन में जमीन-आसमान का फर्क था.