पाकिस्तान के सिंध प्रांत को लेकर अचानक शुरू हुई चर्चा ने भारत-पाक रिश्तों में नई हलचल पैदा कर दी है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान के बाद सवालों की एक लड़ी खड़ी हो गई है जिसमें उन्होंने भविष्य में सिंध के भारत में शामिल होने की संभावना जताई है. लेकिन अगर यह इलाका वास्तव में भारत का हिस्सा बन जाए तो देश की जनसंख्या का गणित कैसे बदल जाएगा? और सबसे बड़ा सवाल यह है कि सिंध में आखिर कितने हिंदू रहते हैं?

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सिंध में हिंदुओं की संख्या कितनी?

पाकिस्तान की 2023 की जनगणना के मुताबिक देश में लगभग 52 लाख हिंदू रहते हैं. हैरानी की बात यह है कि इनमें से करीब 49 लाख हिंदू अकेले सिंध प्रांत में बसते हैं, यानी पाकिस्तान के कुल हिंदू समुदाय का लगभग 95% हिस्सा यहीं केंद्रित है. यह वही क्षेत्र है जिसकी जड़ें भारत की प्राचीन सिंधु सभ्यता, सांस्कृतिक परंपराओं और ऐतिहासिक विरासत से जुड़ी हुई हैं.

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सिंध की कुल आबादी

2023 के आंकड़ों के अनुसार सिंध की कुल जनसंख्या लगभग 5.57 करोड़ है. इसमें हिंदू 8.8% हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह संख्या बढ़कर 13.3% हो जाती है, जो पूरे पाकिस्तान में सबसे अधिक है. सिंध के चार जिले ऐसे हैं जहां हिंदू आबादी सबसे अधिक केंद्रित है-

  • उमरकोट
  • थारपारकर
  • मीरपुरखास
  • संगहार 

इन जिलों में मिलाकर करीब 25 लाख हिंदू रहते हैं. सबसे बड़ी बात उमरकोट वह अकेला जिला है जहां हिंदू आबादी मुस्लिमों से अधिक है, यहां हिंदुओं की हिस्सेदारी लगभग 55% तक पहुंचती है. 

अगर सिंध भारत में शामिल हो जाए तो क्या बदलेगा?

वैसे यह तो सिर्फ राजनीतिक बयान है, लेकिन कल्पना की जाए कि सिंध भारत का हिस्सा बन जाता है, तो बदलाव कई स्तरों पर देखने को मिलेंगे. सिंध की कुल जनसंख्या 5.57 करोड़ है. यानी भारत की मौजूदा आबादी में अचानक लगभग 5.5 करोड़ लोग जुड़ जाएंगे. हिंदू जनसंख्या की बात करें तो भारत में अभी लगभग 82 करोड़ हिंदू हैं. अगर सिंध जुड़ता है तो 49 लाख हिंदू और जुड़ जाएंगे, जो वृद्धि की दृष्टि से बड़ा आंकड़ा है. 

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