पहलगाम आतंकी हमले में 26 भारतीय मासूमों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त फैसले लिए हैं, जिसके बाद पाकिस्तान ने भी अपना जवाब दिया है. गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद पाकिस्तान ने कड़े फैसले लिए हैं. भारत पाकिस्तान के बीच सारे द्विपक्षीय समझौते रद्द कर दिए हैं. वहीं पाकिस्तान ने भी भारत के लिए एयर स्पेस बंद करने का भी फैसला लिया है. ऐसे में अगर तनाव के माहौल में कोई प्लेन पाकिस्तानी एयरस्पेस में पहुंच जाए तो इसके लिए क्या प्रोटोकॉल तय किए गए हैं. 

एयरस्पेस को लेकर क्या होते हैं नियम?

सबसे पहले यह जानने की जरूरत है कि एयरस्पेस क्या है और इसको लेकर क्या नियम होते हैं. किसी भी देश की थल और जल सीमा के बाद आकाशीय सीमा भी तय की जाती है, जिसको एयरस्पेस कहा जाता है. हर देश का अपने एयरस्पेस पर विशेष अधिकार तय होता है. यह उस देश का अधिकार है कि वह किस देश के विमान को अपने देश में दाखिल होने देना चाहता है, या किस देश के विमान को प्रतिबंधित करता है. अगर उदाहरण के लिए हम देखें तो भारतीय एयरस्पेस पर भारत सरकार और भारतीय वायुसेना का अधिकार है. अगर किसी अन्य देश का विमान भारतीय एयरस्पेस से गुजरना चाहे तो उसके लिए उनको परमिशन की जरूरत पड़ती है.

गलती से एयरस्पेस में पहुंच जाए विमान तो

पहली बात तो प्रतिबंधित एयरस्पेस में जाने की किसी विमान को अनुमति नहीं होती है. क्योंकि यह उस देश की राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है. अगर प्रतिबंधित क्षेत्र का उल्लंघन करते हुए कोई विमान उस एरिया में पहुंच जाता है तो विमान पर हमले की संभावना हो सकती है. या अगर इससे बचा जाता है तो अक्सर भारी जुर्माना और जेल की सजा भुगतनी पड़ती है. प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने वाले विमानों को अक्सर 121.5 मेगाहर्ट्ज पर पहले से चेतावनी दी जाती है. यह विमानों के लिए आपातकालीन फ्रीक्वेंसी है.

एयरस्पेस को लेकर स्वतंत्र हैं देश

एयरस्पेस के मामले में दो देशों की बीच संबंधों का बहुत असर होता है. जैसे कि जब साल 2019 में देश में पुलवामा हमला हुआ था, तब भी इसी तरह भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया था. तब भी पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया था. लेकिन मार्च 2019 में पाकिस्तान ने इस प्रतिबंध को हटा लिया था.

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