भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय टेंशन अपने पीक पर है. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत ने बदला ले लिया है. पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष टूरिस्ट को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी. भारत की तीनों सेनाओं के ज्वाइंट मिशन में 7 अप्रैल बुधवार की रात पाकिस्तान और पीओके के 9 ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया गया और उनको ध्वस्त कर दिया गया. इस पूरे ऑपरेशन को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया. चलिए, आपको बताते हैं कि आखिर भारत की मिसाइलों को पाकिस्तान क्यों नहीं रोक पाया और उसकी क्या कमजोरी थी.
पाकिस्तान से क्यों नहीं रुकीं भारत की मिसाइलेंदुनिया में कई देश ऐसे हैं जिनके पास काफी तगड़े एयर डिफेंस सिस्टम हैं जैसे कि इजरायल का आयरन डोम और विड्स स्लिंग जिसे डेविड स्लिंग के नाम से भी जाना जाता है. इनको एडवांस्ड मिसाइल शील्ड के नाम से भी जाना जाता है. इजरायल के पास मौजूद ये एयरडिफेंस सिस्टम ईरान और हूती विद्रोहियों के ड्रोन हमलों और मिसाइल हमलों को हवा में ही मार गिराते हैं. युद्ध के समय एयर डिफेंस सिस्टम किसी भी देश की सुरक्षा के लिए सबसे जरूरी कवच होता है, जो देश के ऊपर हमला करने आने वाले राकेट, मिसाइल, ड्रोन फाइटर जेट को इंटरसेप्ट करके उनको हवा में ही नष्ट कर देता है. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में हैमर और स्कैल्प मिसाइलों का यूज किया था.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास कम दूरी, मध्यम दूरी और लंबी दूरी की सरफेस टू सरफेस पर मार करने वाली क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की एयर डिफेंस क्षमता है. हालांकि, जब बात एयर टू सरफेस अटैक करने वाली मिसाइलों की हो तो पाकिस्तान के पास कोई एयर डिफेंस सिस्टम मौजूद नहीं है. भारत की तरफ से यूज हुई स्कैल्प क्रूज मिसाइल एयर टू सरफेस मिसाइल है इसको MBDA ने बनाया है जो फ्रांस और ब्रिटेन की लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है. इसके अलावा हैमर मिसाइल भी एयर टू सरफेस मार करने वाली मिसाइल है, इसको मीडियम अटैक के लिए फ्रांसीसी कंपनी सैफ्रन (SAFRAN) ने विकसित किया है.
आपको बता दें कि पाकिस्तान के पास चीन का HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसको आज यानी 8 मई को इंडिया ने हार्पी ड्रोन का इस्तेमाल करके तबाह कर दिया है. वहीं, भारत के पास रूस का आधुनिक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम है, जो पाकिस्तान के HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम से काफी ज्यादा एडवांस है.
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