फ्रांस की राजधानी पेरिस में ओलंपिक खेलों का दौर चल रहा है. इस बार ओलंपिक में 11000 से ज्यादा एथलीट्स 32 खेलों में भाग ले रहे हैं. लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर ओलंपिक, मेडल्स से ज्यादा कंडोम को लेकर चर्चा में है. चलिए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है और क्यों सोशल मीडिया पर इस तरह की चर्चा हो रही है. इसके साथ ही आपको बताते हैं कि क्या पहली बार खिलाड़ियों को कंडोम बांटे गए हैं या इससे पहले भी ऐसा कभी ओलंपिक खेलों के दौरान ऐसा हुआ है.

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क्या है पूरा मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार जब एथलीट फ्रांस के पेरिस में पहुंचे तो उन्हें एक वेलकम किट दी गई. इस किट में फोन और जरूरी चीजों के अलावा कंडोम भी थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार ओलंपिक विलेज में तकरीबन 2 लाख 30 हजार कंडोम बांटे गए. हालांकि, ऐसा नहीं है कि ओलंपिक में खिलाड़ियों को कंडोम पहली बार दिया गया हो. इससे पहले भी खिलाड़ियों को कंडोम दिया गया है.

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पहली बार कब दिया गया था खिलाड़ियों को कंडोम

पहली बार साल 1988 में सियोल ओलंपिक के दौरान खिलाड़ियों को कंडोम बांटे गए थे. इसके बाद कई ओलंपिक में खिलाड़ियों को कंडोम बांटे गए. यहां तक कि साल 2021 में जब कोरोना चरम पर था  और टोक्यो ओलंपिक जापान में चल रहा था, उस वक्त भी खिलाड़ियों को कंडोम बांटे गए थे. हालांकि, उस दौरान खिलाड़ियों को कंडोम ओलंपिक गांव से विदा होते समय दिए गए थे. जबकि, इस बार और इससे पहले हर बार वेलकम किट में निरोध दिया जाता है.

क्यों दिया जाता है कंडोम

साल 1988 में जब सियोल ओलंपिक में इसकी शुरुआत की गई तो कई तरह की बातें हुईं. लेकिन ओलंपिक आयोजकों का कहना था कि वह ऐसा खिलाड़ियों को और दुनिया को एचआईवी और एड्स के प्रति जागरुक करने के लिए कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (International Olympic Committee) का कहना था कि वह ऐसा कर के खिलाड़ियों को इन गंभीर बीमारियों के खतरे से बचाना चाहती है.

दरअसल, कई मीडिया रिपोर्ट्स दावा करते हैं कि ओलिंपिक गेम्स में आने वाले 75 फीसदी खिलाड़ी सेक्शुअल एक्टिविटी में शामिल होते हैं. हालांकि, 2021 के ओलंपिक के दौरान अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने खिलाड़ियों से आग्रह किया था कि वह कंडोम का इस्तेमाल करने की बजाय इसे अपने देश एक प्रतीक के रूप में ले जाएं, जो लोगों को एचआईवी और एड्स के प्रति जागरुक करे.

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