Train : आपने कई बार खबरों में सुना होगा कि ट्रेन पटरी से उतर गई. इससे जुड़ी एक खबर तो कल शाम ही सामने आई है. कल शाम (2 जून 2023) को ओडिशा के बालासोर में एक बड़ा ट्रेन एक्सीडेंट हो गया. यहां शालीमार स्टेशन से चेन्नई जा रही ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी के टकराने से पटरी से उतर गई. इस बड़े एक्सीडेंट में 135 से अधिक लोग घायल हो गए. ऐसा पहली बार नहीं है कि हम ट्रेन के पटरी से उतरने की खबर सुन रहे हैं. इतिहास के पन्ने बताते हैं कि इस तरह के हादसे पहले भी कई बार हो चुके हैं. अब सवाल है कि अगर ट्रेन पटरी से उतर जाती है तो उसे वापस पटरी पर कैसे चढ़ाया जाता है? 

ट्रेन को पटरी पर कैसे चढ़ाया जाता है?

देखिए, ट्रेन बाइक की तरह नहीं है कि किसी ने बल का इस्तेमाल किया और उठाकर एक जगह से दूसरी जगह रख दिया. इसके अलावा, ट्रेन किसी कार की तरह भी नहीं है, जिसे किसी बड़ी मशीन की सहायता से बांधकर एक जगह से दूसरी जगह रख दिया जाए. ट्रेन के कई डिब्बे होते हैं. इन सभी डिब्बों को पटरी पर चढ़ाने के लिए एक ट्रिक का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए न कई लोगों के बल की जरूरत होती और न ही किसी बड़ी मशीन की. आज हम आपको एक वीडियो के माध्यम से दिखाएंगे कि ट्रेन को पटरी पर कैसे चढ़ाया जाता है.

प्लास्टिक के दो बड़े प्लेटफॉर्म्स का होता है इस्तेमाल

आप इस वीडियो में देख सकते हैं कि ट्रेन पटरी से उतर चुकी है. फिर ट्रेन को पटरी पर चढ़ाया जा रहा है. इसके लिए पटरी पर प्लास्टिक के दो बड़े प्लेटफॉर्म्स रखे दिखाई दे रहे हैं. इन प्लेटफार्म के सहारे से पहले इंजन ट्रैक पर चढ़ता है फिर इंजन के पीछे ट्रेन के डब्बे बंधे होते हैं, जो बारी बारी से ट्रैक पर चढ़ते हैं. इस तरह एक-एक कर सभी डिब्बे ट्रैक पर चढ़ते नजर आ रहे हैं. 

वीडियो में आप देख सकते हैं कि ट्रेन के डिब्बे ट्रैक के बराबर में ही होते हैं. फिर जैसे ही डब्बे के पहिए प्लास्टिक पर चढ़ते हैं तो डब्बा ट्रैक पर आ जाता है. प्लास्टिक के महज इन दो टुकड़ों से पूरी ट्रेन को ट्रैक पर चढ़ा देना वाकई दिलचस्प है.  यह भी पढ़ें - कभी सोचा है बारिश होने के बाद चारों ओर से सौंधी खुशबू क्यों आती है? आज इसका वैज्ञानिक कारण जान लीजिए