भारत को प्राचीन किलों और एतिहासिक इमारतों की धरती कहा जाता है. यहां पर कई पुराने किले कहानियां कहते हैं और वहां का इतिहास बताते हैं. सबसे ज्यादा किलों की बात आती है तो सबसे पहले राजस्थान का नाम सामने आता है. लेकिन राजस्थान भारत का सबसे ज्यादा किलों वाला राज्य नहीं है. देश में सबसे ज्यादा किलों वाला राज्य महाराष्ट्र है. जी हां, महाराष्ट्र अपने सबसे खूबसूरत पर्यटन क्षेत्रों के साथ-साथ खूबसूरत किलों के लिए भी जाना जाता है. आइए थोड़ा किलों के बारे में जानें.
महाराष्ट्र में किलों की संख्या
ऐतिहासिक दस्तावेजों और पुरातत्व विभाग की मानें तो महाराष्ट्र में 350 से भी ज्यादा किले मौजूद हैं. ये किले न सिर्फ संख्या में ज्यादा हैं, बल्कि अपने अद्भुत इतिहास और स्थापत्य कला की वजह से भी खास महत्व रखते हैं. समुद्र किनारे बने किलों से लेकर ऊंचे पहाड़ों पर बसे किले, महाराष्ट्र की शान कहे जाते हैं.
किलों का इतिहास और महत्व
महाराष्ट्र के किले मुख्य रूप से मराठा साम्राज्य और खासकर छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े हुए हैं. शिवाजी महाराज ने अपने साम्राज्य को मजबूत बनाने के लिए किलों पर खास ध्यान दिया और इन्हें रक्षा तंत्र के तौर पर इस्तेमाल किया था. कहा जाता है कि उनके समय में 350 से ज्यादा किलों पर मराठों का नियंत्रण था. उस दौर में इन किलों का इस्तेमाल सिर्फ युद्ध के लिए ही नहीं बल्कि शासन चलाने, लोगों को सुरक्षित रखने और समुद्री व्यापार को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता था.
महाराष्ट्र के कुछ प्रसिद्ध किले
महाराष्ट्र के कुछ मशहूर किलों की बात की बात करें तो इसमें सबसे पहला रायगढ़ का किला है, जो कि शिवाजी महाराज की राजधानी थी और जहां उनका राजतिलक हुआ था. सिंहगढ़ किला (पुणे) तानाजी मालुसरे की वीरगाथा से जुड़ा किला है. प्रतापगढ़ किला अफजल खान से शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक लड़ाई का गवाह है. राजगढ़ का किला मराठा साम्राज्य की शुरुआती राजधानी रहा है. शिवनेरी किला वह जगह है, जहां पर छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था. मुरुद-जंजीरा किला समुद्र के बीच बना अभेद्य किला है, जिसे कभी भी पूरी तरह जीत नहीं पाया गया.
महाराष्ट्र की खासियत
महाराष्ट्र की सबसे बड़ी खासियत इसके समुद्री किले हैं. अरब सागर के किनारे बने ये किले रक्षा और व्यापार दोनों के लिए बेहद जरूरी थे. मुरुद-जंजीरा, सिंधुदुर्ग और विजादुर्ग जैसे किले आज भी उस दौर की शानदार रणनीति को दर्शाते हैं.
आज की तारीख में ये किले सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि पर्यटन का भी सबसे बड़ा केंद्र हैं. यहां हर साल लाखों की संख्या में लोग इन किलों को देखने के लिए आते हैं. कई किले महाराष्ट्र पर्यटन विभाग द्वारा संरक्षित हैं और इन्हें यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल करने की कोशिश भी की जा रही हैं.
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