Superstition: हमारे देश में लोगों के बीच अलग-अलग तरह की मान्यताएं और अंधविश्वास से जुड़ी बातों पर भरोसा किया जाता रहा है. बहुत सी बातें ऐसी हैं जो अंधविश्वास और अतार्किक हैं. इन पर भरोसा करके कई बार लोग खुद को मुसीबत में भी डाल देते हैं. लेकिन कई ऐसी बातें हैं जिन्हें कहा तो अंधविश्वास जाता है, पर उनके पीछे का असल लॉजिक कुछ और ही होता है और वह सही भी लगता है. रात में नाखून न काटने को लेकर भी कुछ ऐसा ही है. अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको रात के समय नाखून न काटने के पीछे के असल लॉजिक को बताएंगे.


रात में नाखून न काटने के पीछे ये है असली लॉजिक


अक्सर हमारे घर के सदस्य रात के समय नाखून काटने से मना करते हैं. इसके पीछे का लॉजिक समझिए. असल में पुराने समय में सूरज ढलने के बाद अच्छी रोशनी का प्रबंध नहीं था. तब बिजली की उपलब्धता कम थी या बिल्कुल नहीं थी.


ऐसे में सूरज ढलने के बाद नाखून काटने से चोट लगने का खतरा रहता था. पहले के समय नाखून काटने के लिए आज की तरह नेल कटर भी नहीं थे इसलिए यह रिस्की था. यही कारण है कि रात के समय नाखून काटने से मना किया जाता है. बाद में इसके साथ अंधविश्वासी बातों को जोड़ दिया गया.


तरह-तरह के अंधविश्वास


हमारे देश में तरह-तरह के अंधविश्वास पर भरोसा किया जाता है. बिल्ली के रास्ते काटने से लेकर परीक्षा से पहले दही-चीनी खाने तक इन सबके पीछे प्रचलित कहानियों से इतर खास तर्क हैं. हालांकि बहुत से ऐसे अंधविश्वास हैं जो समाज को रूढ़िवादी बनाते हैं और जिनके पीछे कोई तर्क नहीं होता. इस तरह के अंधविश्वास समाज के लिए घातक हैं.


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