Party Presidents Age: भारतीय राजनीति में अक्सर अनुभवी नेताओं का दबदबा रहता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर नितिन नबीन की हालिया नियुक्ति ने उम्र और बदलाव को सुर्खियों में ला दिया है. सिर्फ 45 साल की उम्र में नितिन नबीन उन राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों से एकदम हटकर नजर आते हैं जिनकी उम्र 60 और 70 साल से ज्यादा है. इसी बीच आइए जानते हैं देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्ष और उनकी उम्र के बारे में.
भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
अभी हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गए नितिन नबीन 45 साल के हैं. बीजेपी में इतने बड़े राष्ट्रीय संगठनात्मक पद पर रहने वाले सबसे युवा नेता हैं. आपको बता दें कि भाजपा के अंदर उम्र का अंतर काफी चौंकाने वाला है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा करीब 65 साल के हैं. इसके ठीक उलट 45 साल के नितिन नबीन बड़े निर्णय लेने वाली टीम में एक काफी युवा चेहरा हैं.
कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों में अध्यक्षों की उम्र
विपक्षी पार्टियों में वरिष्ठता और भी ज्यादा साफ नजर आती है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 83 साल के हैं. इसी के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार करीब 85 साल के हैं. वहीं राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव लगभग 77 साल के हैं.
वहीं अगर तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी की बात करें तो उनकी उम्र करीब 70 साल की है. इसी के साथ डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन की उम्र करीब 72 साल है. अगर बात बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती की करें तो उनकी उम्र 69 साल है. कुछ नेता मिडल एज ग्रुप में आते हैं लेकिन इसके बावजूद भी नितिन नबीन से बड़े हैं. आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल करीब 57 साल के हैं.
नितिन नबीन का राजनीतिक बैकग्राउंड
नितिन नबीन का उदय अचानक नहीं हुआ. एक राजनीतिक परिवार से आने वाले नितिन नबीन एबीवीपी के साथ छात्र राजनीति के जरिए राजनीति की दुनिया में कदम रखा. 2006 में विधायक बनने के बाद उन्होंने बांकीपुर से लगातार चुनाव जीते और बिहार में मंत्री पद संभाले. बीजेवाईएम में उनकी संगठनात्मक भूमिकाओं के साथ-साथ सिक्किम और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में मिली जिम्मेदारियों ने उनकी प्रतिष्ठा को और भी मजबूत किया. फिलहाल नितिन नबीन भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के सभी मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्षों या बड़े नेताओं से छोटे हैं.
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