Nepal Crisis: नेपाल में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच गुरु गोरखनाथ की भविष्यवाणी सुर्खियों में आ गई है. जिसे लोग वहां की अस्थिरता और राजशाही की वापसी की मांग से जोड़ रहे हैं. नेपाल की सड़कों पर पिछले कुछ दिनों से हिंसा की आग भड़क रही है. युवा, खासकर Gen Z समुदाय, भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं. इस हिंसा में अब तक 22 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं. इस अराजकता के बीच गुरु गोरखनाथ की एक भविष्यवाणी चर्चा में है, जिसे लोग वर्तमान हालात से जोड़कर देख रहे हैं. चलिए जानते हैं क्या है भविष्यवाणी और इसके पीछे की कहानी.

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क्या थी गुरु गोरखनाथ की भविष्यवाणी

गुरु गोरखनाथ नाथ संप्रदाय के महान योगी और सिद्ध पुरुष थे जिन्हें 11वीं या 12वीं शताब्दी का माना जाता है. नेपाल के इतिहास और संस्कृति में गहरी पैठ रखते हैं. माना जाता है कि उन्होंने नेपाल के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ऐसा कहा जाता है कि 18वीं शताब्दी में नेपाल को एकजुट करने वाले राजा पृथ्वीनारायण शाह को गुरु गोरखनाथ ने आशीर्वाद दिया था. उनकी भविष्यवाणी थी कि शाह वंश की राजशाही ग्यारह पीढ़ियों तक चलेगी. राजशाही समर्थकों का मानना है कि यह भविष्यवाणी 2001 के राजमहल हत्याकांड के साथ पूरी हुई, जब राजा दीपेंद्र शाह कोमा में सिंहासन पर बैठे और उनकी छोटी अवधि को ग्यारहवीं पीढ़ी माना गया. नेपाल में 2008 में राजशाही का अंत हुआ और देश एक लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया. हालांकि कुछ लोग इसे आखिरी पीढ़ी का शासन नहीं मानते उनका मानना है कि अभी एक और शाह वंश की एक और पीढ़ी नेपाल में राज करेगी.  प्रदर्शनकारियों ने लगाए ये नारे

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नेपाल की सड़कों पर गूंज रहे नारे 'राजा आउनुपर्छ' यानी 'राजा वापस आना चाहिए' ने इस भविष्यवाणी को फिर से सुर्खियों में ला दिया है. नेपाल में प्रदर्शन के बीच सबकी नजरें राज परिवार पर टिकी हैं. हाल के प्रदर्शनों में युवा न केवल भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, बल्कि कुछ राजशाही की बहाली और नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग भी कर रहे हैं. काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति आवास और पूर्व प्रधानमंत्रियों के घरों पर हमले किए. हिंसा इतनी बढ़ गई कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा. इस अस्थिरता के बीच पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह का नाम फिर से चर्चा में है जो एक आम नागरिक की तरह देश में रह रहे हैं कुछ लोग मानते हैं कि गुरु गोरखनाथ की भविष्यवाणी में राजशाही की वापसी का संकेत हो सकता है. इसे भी पढ़ें- हर साल इतनी नेपाली महिलाओं से शादी करते हैं भारतीय, जानें कौन-सा राज्य है सबसे आगे?