Columbia Space Shuttle Tragedy: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीती विलियम्स को वापस लाने के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का रॉकेट फॉल्कन 9 भारतीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे लॉन्च कर दिया गया है. आज से करीब चार दिन के बाद 19 मार्च को सुनीता विलियम्स ISS से धरती पर आ जाएंगी. लेकिन सुनीता विलियम्स को वापस लाने के लिए नासा ने इतनी देर क्यों की. ये एक बड़ा सवाल है. शायद उसकी एक वजह कोलंबिया स्पेस शटल का वो हादसा है, जिसे नासा वापस दोहराना नहीं चाहता है. इसी हादसे में भारत की बेटी कल्पना चावला का निधन हो गया था. क्या था कोलंबिया स्पेस शटल, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं. 

उस दिन क्या हुआ था? 

1 फरवरी 2003 का दिन दुनिया अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है. यही वो तारीख है जब अमेरिका का अंतरिक्ष शटल कोलंबिया अपना अंतरिक्ष मिशन खत्म करने के बाद धरती पर लौट रहा था और दुर्घटना का शिकार हो गया था. इसमें सवार सभी सातों लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें भारत की बेटी कल्पना चावला भी थीं. कोलंबिया स्पेस शटल के हादसे के बाद कई जांचें हुईं और इसमें कई खुलासे हुए. 

सब कुछ प्लान के मुताबिक था

नासा की मानें तो उस दिन सबकुछ प्लान के मुताबिक चल रहा था. सात अंतरिक्ष यात्री स्पेस में 15 दिन का अपना मिशन पूरा करने के बाद वहां से वापस लौट रहे थे. सात मेंबर्स में से रिक हसबैंड, माइकल एंडरसन, डेविड ब्राउन, लॉरेल क्लार्क, विलियम मैककूल और कल्पना चावला शामिल थे. इन सभी ने दिन में 24 घंटे की दो शिफ्ट में कई एक्सपेरिमेंट किए. धरती पर लौटने से पहले उन्होंने 80 एक्सपेरिमेंट किए थे. इन एक्सपेरिमेंट में मटेरियल साइंस, फ्लूइड फिजिक्स जैसे कई एक्सपेरिमेंट थे. स्पेस डॉट कॉम की मानें तो स्पेस में क्रू ने 16 दिनों के दौरान लॉन्च हुए फोम स्ट्राइक की जांच की. 

ऐसे क्रैश हुआ कोलंबिया

कोलंबिया ने जब धरती छोड़ी तो 82 सेकेंड के बाद फोम का एक टुकड़ा बिपोड रैंप से नीचे गिर गया, हालांकि ये स्ट्रक्चर का हिस्सा था. ये हिस्सा बाहरी टैंक को शटल से जोड़ता था. जांच में सामने आया कि बाएं विंग पर हुए छेद की वजह से वायुमंडलीय गैसें शटल में बहने लगीं. यही वजह थी कि स्पेसशिप का सेंसर खराब हो गया और कोलंबिया क्रैश हो गया. कई रिपोर्ट्स में ऐसा जिक्र है कि कोलंबिया को बचाया जा सकता था. नासा ने कई लोगों को ऑर्बिट में टूटे विंग की तस्वीरें लेने के लिए कहा था. वहीं रक्षा विभाग भी अपने ऑर्बिटल स्पाई कैमरों के इस्तेमाल के लिए राजी था. लेकिन कोलंबिया एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन बोर्ड और कॉम चेक की मानें तो नासा के अधिकारी इसके लिए राजी नहीं थे. 

आखिरी के 12 मिनट

कोलंबिया को रनवे पर लैंड करने में सिर्फ 12 मिनट का वक्त बचा था. उसी वक्त मिशन कंट्रोलर के पास एक फोन आया. इसमें बताया गया कि टीवी नेटवर्क आसमान में शटल टूटने का वीडियो दिखा रहा था. इसके कुछ वक्त के बाद जब नासा ने स्पेस शटल की खोज के लिए लोगों को भेजा तो वहां पर सिवाए मलबे के ढेर के और कुछ नहीं था.