दुनियाभर में मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है और ये लगातार बढ़ रही है. इंडोनेशिया में दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी निवास करती है. इसके बाद पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश का नंबर आता है. मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के देशों में भी मुस्लिम आबादी का एक बड़ा प्रतिशत है, जहां इस्लाम प्रमुख धर्म है.
यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी महत्वपूर्ण मुस्लिम अल्पसंख्यक आबादी है, जो विभिन्न देशों से आकर वहां बसे हैं. इन क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय अक्सर विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों से आते हैं और अपने-अपने देशों के सामाजिक ताने-बाने में योगदान करते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि किन देशों में मुस्लिम आबादी पूरी तरह बैन है.
फ्रांस
फ्रांस में सेक्युलर कानूनों के चलते स्कूलों और सरकारी संस्थानों में हिजाब पहनने की मनाही है. यहां मुस्लिमों को अक्सर अलग-थलग महसूस कराया जाता है. पब्लिक स्पेस में धार्मिक प्रतीकों पर रोक है. इससे मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा की भावना पनपी है.
म्यांमार
रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ सेना ने भयंकर हिंसा की. लाखों लोग मारे गए या देश से खदेड़ दिए गएय संयुक्त राष्ट्र ने इसे एथनिक क्लींजिंग कहा.
चीन
चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुस्लिमों को धार्मिक गतिविधियों पर रोक, डिटेंशन कैंपों और जबरन पुनः शिक्षा के नाम पर कैद किया जाता है.
रूस
रूस में खासकर चेचन्या और मुस्लिम बहुल इलाकों में धार्मिक स्थलों पर निगरानी, मस्जिदों की संख्या पर रोक और कट्टरता का लेबल लगाया जाता है.
डेनमार्क
डेनमार्क ने बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा कुछ नेताओं द्वारा दिए गए इस्लाम विरोधी बयानों से माहौल और भी खराब हुआ है.
क्या है इसके पीछे की वजह
कई देशों में राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों को 'दूसरा' या 'खतरा' बताकर वोट बैंक साधती हैं. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में मुस्लिमों को अक्सर आतंकवाद या अपराध से जोड़ा जाता है. कुछ आतंकी घटनाओं के बाद पूरे समुदाय को शक की नजर से देखा जाता है. कुछ देशों को मुस्लिम संस्कृति से ‘खतरा’ महसूस होता है कि उनकी पहचान मिट जाएगी. इन देशों में मुस्लिम विरोध का ये माहौल सिर्फ कानूनों में नहीं बल्कि सोच में भी है.
इसे भी पढ़ें- भारत के इस राज्य के बजट से भी कम है पाकिस्तान का डिफेंस बजट, हथियारों पर इतना करता है खर्च