Maha Kumbh Stampede: कई सालों के बाद आने वाला भव्य कुंभ यानी महाकुंभ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहा है. यहां अब तक करोड़ों लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं और आने वाले दिनों में भी लोगों की संख्या लगातार बढ़ सकती है. महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान को लेकर इतनी भीड़ पहुंची कि यहां अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. ऐसे में लोग ये पूछ रहे हैं कि महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था कैसे सुनिश्चित होती है और इसके लिए पहले से क्या तैयारियां की जाती हैं. 

क्यों बनाया जाता है नया जिला?दरअसल महाकुंभ के लिए सरकार की तरफ से पहले से ही तैयारी होती है, इसमें ये तय होता है कि कौन से अधिकारियों के पास पूरे मेले की जिम्मेदारी होगी, कितनी पुलिस फोर्स यहां मौजूद रहेगी और किन जगहों पर सबसे ज्यादा पुलिस की तैनाती की जाएगी. सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त रखने के लिए प्रयागराज में एक नया अस्थाई जिला बनाया जाता है. जिसे महाकुंभ नगर के नाम से जाना जाता है. जैसे जिले में अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है कि कानून व्यवस्था से लेकर तमाम तरह की चीजों को वो देखेंगे, ठीक उसी तरह प्रयागराज में होने वाली हर घटना और व्यवस्था पर इस अस्थाई जिले के अधिकारियों की नजरें होती हैं. 

महाकुंभ नगर के लिए तैनात किए गए ये अधिकारी ही तय करते हैं कि कब कौन सा रास्ता बंद रखना है और कितने लोगों को घाट पर जाने की इजाजत देनी है. ऐसा शाही स्नानों में किया जाता है, जब करोड़ों की संख्या में लोग महाकुंभ पहुंच जाते हैं. ठीक ऐसी ही व्यवस्था हर कुंभ में की जाती है, यानी हर बार ऐसे अधिकारियों की तैनाती होती है, जिनका दायरा कुछ किलोमीटर में चल रहे कुंभ तक ही होता है. 

महाकुंभ का होता है अलग डीएमक्योंकि महाकुंभ को एक जिले के तौर पर देखा जाता है, ऐसे में यहां जिलाधिकारी की भी तैनाती होती है. इस बार महाकुंभ में विजय किरन आनंद को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो मेला अधिकारी भी हैं. उनके अलावा पुलिस के बड़े अधिकारी भी जिम्मा संभाल रहे हैं. कुल पांच तेज तर्रार अफसरों को पूरे मेले की जिम्मेदारी योगी सरकार की तरफ से सौंपी गई है.  

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