दिल्ली में बढ़ी लाउडस्पीकर बजाने की टाइमिंग, जानें किस राज्य में इसकी क्या है लिमिट?
दिल्ली सरकार ने रामलीला, दुर्गा पूजा, दशहरा और अन्य सांस्कृतिक या धार्मिक कार्यक्रमों में लाउडस्पीकर बजाने की समय सीमा रात 10 बजे से बढ़ाकर 12 बजे तक कर दी है. हालांकि यह छूट हमेशा के लिए नहीं है.

हर साल की तरह इस बार भी राजधानी दिल्ली में शारदीय नवरात्रि और रामलीला जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों की धूम मची हुई है. शहर के कोने-कोने में झांकी, दुर्गा पूजा पंडाल और रामलीला मंच सज चुके हैं. ऐसे में आयोजन करने वाले लोगों की सबसे बड़ी चिंता यह थी कि रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बंद करने की पाबंदी के कारण कार्यक्रम अधूरे रह जाते हैं या बीच में ही रोकने पड़ते हैं. लेकिन इस बार दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे आयोजकों को काफी राहत मिलेगी.
दिल्ली सरकार ने रामलीला, दुर्गा पूजा, दशहरा और अन्य सांस्कृतिक या धार्मिक कार्यक्रमों में लाउडस्पीकर बजाने की समय सीमा रात 10 बजे से बढ़ाकर 12 बजे तक कर दी है. हालांकि यह छूट हमेशा के लिए नहीं है. यह अनुमति सिर्फ 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक ही वैध रहेगी यानी इस तय समय के दौरान रात्रि 12 बजे तक लाउडस्पीकर बजाए जा सकते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि दिल्ली के अलावा किस राज्य में इसकी क्या लिमिट है.
क्या है नया नियम?
दिल्ली में लाउडस्पीकर अब रात 12 बजे तक बजाए जा सकेंगे. यह छूट केवल त्योहारों के दौरान दी गई है यानी स्थायी नियम नहीं है. वहीं आवासीय इलाकों में साउंड का लेवल 45 डेसिबल (dB) से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इसके अलावा आयोजकों को सिंगल विंडो सिस्टम से सभी जरूरी अनुमति लेनी होगी. इसके साथ ही कार्यक्रम तय समय पर खत्म करना जरूरी होगा.
लाउडस्पीकर और ध्वनि नियंत्रण से जुड़े नियम ध्वनि प्रदूषण (नियंत्रण और अधिनियम), 2000 के तहत आते हैं, जिसे पर्यावरण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत लागू किया गया है. लाउडस्पीकर बजाने के लिए प्रशासन से अनुमति जरूरी है.रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने पर रोक है. किसी विशेष अवसर पर राज्य सरकार साल में अधिकतम 15 दिन की छूट दे सकती है.
किस राज्य में इसकी क्या लिमिट?
दिल्ली अकेला राज्य नहीं है जो इस विषय में बदलाव कर रहा है. अन्य राज्यों में भी इस विषय पर चर्चा तेज है. उत्तर प्रदेश और कर्नाटक ने नियमों को सख्ती से लागू किया है. रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर पूरी तरह बंद करने के आदेश हैं. महाराष्ट्र में भी सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने पर सख्ती की गई है. रात में अधिकतम ध्वनि सीमा 45 डेसिबल और दिन में 55 डेसिबल तय की गई है. बिना अनुमति के लगे लाउडस्पीकरों को हटाने का निर्देश दिया गया है.
Source: IOCL





















