हाल ही में रूस के कमचटका में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद जापान में आई सुनामी की तस्वीरें रोंगटे खड़े कर देने वाली है. रूस में भूकंप के बाद अमेरिका और प्रशांत क्षेत्र के कई देशों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. इस अलर्ट के मुताबिक 3 मीटर तक ऊंचीं लहरें उठ सकती हैं. लेकिन सवाल यह है कि आखिर भूकंप के बाद सुनामी क्यों आती है? क्या इसका पता पहले से लगाया जा सकता है, आइये जानते हैं. कब आती है सुनामी?

सुनामी एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो अक्सर समुद्र के नीचे या तट के पास आने वाले शक्तिशाली भूकंपों के कारण होती है. जब समुद्र के नीचे की टेक्टोनिक प्लेट्स में हलचल होती है, तो यह भूकंप का कारण बनती है और भूकंप की तीव्रता के चलते सुनामी का खतरा बढ़ जाता है.  लेकिन हर भूकंप सुनामी का कारण नहीं बनता. बता दें कि भूकंप के बाद सुनामी का खतरा उन देशों में ज्यादा होता है जो समुदआ के किनारे बसे हैं. जब इन देशों में बड़े मैग्नीट्यूड जैसे 7.0 या उससे अधिक का भूकंप आता है, तो इससे समुद्र तल पर तेज हलचल उत्पन्न होती हैं. इस हलचल से समुद्र में विशाल लहरें पैदा होती हैं जिन्हें सुनामी कहा जाता है. सुनामी आने का क्या है बड़ा कारण?

सुनामी की लहरें सामान्य समुद्री लहरों से अलग होती हैं. सुनामी की लहरें नॉर्मल समुद्री लहरों के मुकाबले बहुत ऊंची होती हैं और तेज स्पीड में तटों की ओर बढ़ती हैं, इसीलिए तटीय क्षेत्रों में विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं. जब समुद्र तल पर भूकंप आता है, तो वह पानी को तेजी से ऊपर या नीचे धकेलता है, जिससे विशाल लहरें बनती हैं. ये सुनामी लहरें समुद्र में 500 से 800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर सकती हैं. सुनामी का खतरा केवल भूकंप तक सीमित नहीं है. ज्वालामुखी विस्फोट, समुद्र में भूस्खलन या उल्कापात भी सुनामी का कारण बन सकते हैं, लेकिन भूकंप सबसे आम कारण है. क्या सुनामी का पहले पता लगाया जा सकता है? अधिकांश सुनामी उत्पन्न करने वाले भूकंपों की तरह वैज्ञानिक ये पता नहीं लगा सकते कि अगली सुनामी कब और कहां आएगी. लेकिन सुनामी चेतावनी केंद्र यह जानकारी जरूर दे देता है कि किस भूकंप के कारण सुनामी आ सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि सुनामी से बचाव के लिए चेतावनी प्रणालियों के साथ-साथ लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है. अगर आप तटीय क्षेत्र में हैं और भूकंप का झटका महसूस होता है, तो तुरंत ऊंचे स्थान पर जाएं.  इसे भी पढ़ें- अगर आ जाए सुनामी तो सबसे पहले क्या करें, ऐसे बच सकती है जान