बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के वोटर कार्ड को लेकर बवाल मचा हुआ है. दरअसल तेजस्वी यादव के पास दो वोटर कार्ड होने के आरोप लगे हैं जिसमें वो बुरी तरह फंस गए हैं. इस आरोप के बाद चुनाव आयोग ने जांच शुरू कर दी और तेजस्वी को नोटिस भेज दिया. ऐसे में यदि यह साबित हो जाता है कि तेजस्वी ने जानबूझकर दो वोटर कार्ड रखे या फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. आइये जानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के पास दो वोटर आईडी कार्ड होता है तो उसपर किस प्रकार की कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
क्या है आरोप? दरअसल, तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया था कि वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है. जिसके बाद चुनाव आयोग की तरफ से ये दावा खारिज कर दिया गया और EPIC नंबर जारी कर बताया गया कि उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल है. लेकिन इसके बाद तेजस्वी यादव पर दो-दो वोटर कार्ड रखने के आरोप लग रहे हैं जिसे लेकर आयोग ने भी जवाब मांगा है और उन्हें नोटिस जारी कर दिया है. तेजस्वी को नोटिस भेजकर ये पूछा गया कि जिस वोटर कार्ड का जिक्र उन्होंने किया है वो दिखाएं क्योंकि जांच में जिस EPIC नंबर की बात तेजस्वी ने की वो आधिकारिक रूप से जारी ही नहीं हुआ था. मतलब ये कि तेजस्वी ने जिस नंबर को दिखाया वो रिकॉर्ड में ही नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर तेजस्वी यादव दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है. क्या कहता है कानून?
भारत में अगर किसी व्यक्ति के पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं तो ये अपराध की श्रेणी में आता है. ECI के पूर्व संयुक्त निदेशक मोहम्मद अमीन ने बताया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम,1950 की धारा 17(Section 17) के अनुसार, कोई व्यक्ति किसी एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में शामिल नहीं हो सकता. अगर वो ऐसा करता है तो सेक्शन 18(Section 18) और 31 (Section 31) के अंतर्गत उसके ऊपर एक साल का कारावास और जुर्माना लग सकता है या दोनों ही हो सकता है. जहां तक तेजस्वी यादव का सवाल है तो चुनाव आयोग ने उनको नोटिस जारी किया गया है अगर वो दोषी पाए जाते हैं तो उनको नियमों के अंतर्गत सजा दी जाएगी. इसे भी पढ़ें- जेल में अगर किसी कैदी के पास मिल जाए मोबाइल तो क्या बढ़ जाती है उसकी सजा, क्या ऐसा भी है कोई कानून?