Satta Market In India: भारत में सट्टे का मार्केट साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है. फिलहाल भारत में कुल सट्टे का बाजार 3 लाख करोड़ से भी ज्यादा रूपयों का है. भारत में तरह-तरह की सट्टे खेले जाते हैं. भारत में क्रिकेट पर भी जमकर सट्टा लगाया जाता है. तो इसके साथ ही कहीं और प्रकार के सट्टे भी खेले जाते हैं.


इसके साथी मटका सट्टा भी भारत में काफी खेला जाता है. लॉटरी के बारे में तो आप आए दिन सोशल मीडिया पर और अन्य माध्यम से सुनते ही होंगे. इससे भी लोग खूब पैसे छपते हैं. चलिए आपको बताते हैं  सट्टा मटका और लॉटरी में क्या है फर्क और क्या है भारत में इनका ताजा हाल. 


क्या होता है सट्टा और मटका?


सट्टा और मटका दोनों ही एक तरह के जुआ हैं.  यह दोनों ही भारत में एक बड़े पैमाने पर खेले जाते हैं. इन दोनों जुआओं में एक ड्रॉ निकाला जाता है. .यह खेल नंबर से खेला जाता है.  इसमें लोग नंबरों पर पैसा लगाते हैं. वह नंबर खुलता तब उस नंबर पर सट्टा लगाने वाले को पैसे मिलते हैं.


इसमें बहुत से लोग अलग-अलग नंबरों पर पैसा लगाते हैं. इसमें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रकार से जीत की राशि तय की जाती है. कुछ राज्यों में जीतने पर 10 गुना रुपये दिए जाते हैं. तो वहीं कई राज्यों में राशि और भी ज्यादा होती है. इसके लिए भारत में बहुत सारी वेबसाइट अवैध रूप से चल रही है.  


क्या होती है लॉटरी?


लॉटरी को एक स्कीम कहा जाता है जिसमें बहुत से लोग एक टिकट खरीदते हैं. जिसमें एक या एक से अधिक जीतने वालों को इनाम के तौर पर पैसे दिए जाते हैं या अन्य चीज दी जाती हैं. भारत सरकार द्वारा लॉटरी को रेगुलेशन एक्ट (1998) के तहत इसे मान्यता दी गई है. 


क्या है फिहलाल की स्थिति?


भारत में मटका और सट्टा पूरी तरह से अवैध है. यह जहां भी खेला जाता है गैर कानूनी रूप से खेला जाता है. लेकिन लॉटरी को भारत में कानूनी मान्यता प्राप्त है. लेकिन इसमें हर कोई लॉटरी नहीं खिला सकता. लॉटरी का आयोजन सिर्फ राज्य सरकार द्वारा या उनके द्वारा रजिस्टर्ड किए गए डिस्ट्रीब्यूटर ही कर सकते हैं.भारत में केरल, असम, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पंजाब, मिजोरम, वेस्ट बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नागालैंड और मेघालय जैसे राज्यों में लॉटरी खेल सकते हैं. बाकी अन्य राज्यों में लॉटरी बैन है. 


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