चांद हो या पृथ्वी या फिर सूरज वैज्ञानिक आज भी इनकी उत्पत्ति के बारे में सब कुछ सटीक तौर पर नहीं जान पाए हैं. यही वजह है कि आज भी जब इनके बारे में शोध होता है तो नई नई बातें निकल कर सामने आती रहती हैं. इसी तरह के एक शोध में अब चंद्रमा के अस्तित्व पर कुछ बातें निकल कर सामने आई हैं, जिसे सुन कर आप हैरान हो जाएंगे.


क्या कहता है रिसर्च


कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं की एक रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चांद की उत्पत्ति पृथ्वी से थिया ग्रह के टकराने के बाद हुई थी. दरअसल, ये ग्रह आज मंगल ग्रह जितना बड़ा है. कहा जाता है कि इसी के टकराने से जो मलबा निकला उसी से चांद का निर्माण हुआ. दरअसल, वैज्ञानिकों का दावा है कि पृथ्वी के मेंटल में मौजूद लार्ज लो वेलोसिटी प्रोविंस नाम की दो विशालकाय संरचनाएं उसी पुरातन ग्रह थिया के ही अवशेष हैं जो पृथ्वी से कभी टकराया था.


भूकंपीय तरंगों से चला पता


बताया जाता है कि साल 1980 में जब वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के अंदर भूकंपीय तरंगों का मापन किया तो उन्हें धरती के भीतर से दो अलग अलग तरह की रीडिंग प्राप्त हुई. जब इस पर शोधकर्ताओं ने रिसर्च किया तब पता चला कि धरती के भीतर दो क्षेत्र मौजूद हैं एक अफ्रीका के नीचे और दूसरा प्रशांत महासागर के नीचे. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसमें से एक क्षेत्र थिया ग्रह का हिस्सा है और दूसरा पृथ्वी का. यही वजह है कि धरती के भीतर भूकंपीय तरंगों की रीडिंग अलग अलग हो जाती है. लेकिन अभी तक वैज्ञानिकों के पास इसे लेकर ठोस तर्क नहीं हैं. इसलिए दुनियाभर के वैज्ञानिक अभी भी इस थ्योरी पूरी तरह से चांद के अस्तित्व से जोड़ कर नहीं देख पा रहे.


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