मिसाइलें सिर्फ एक हथियार नहीं बल्कि किसी भी देश की सुरक्षा की ढाल होती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक मिसाइल बनाने में कितनी लागत लगती है और दुनिया की सबसे महंगी मिसाइल कौन सी है और इसकी कीमत क्या है. जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे तो चलिए हम आपको बताते हैं.

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 एक मिसाइल बनाने में कितना खर्च आता है? मिसाइल बनाने में लगने वाला खर्च मिसाइल के प्रकार पर निर्भर करता है. भारत में मिसाइल बनाने का खर्च कम रखने की कोशिश की जाती है, क्योंकि हम आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रहे हैं. अगर आकाश मिसाइल की बात करें तो इसे DRDO ने विकसित किया है. यह मिसाइल सतह से हवा में मार करने वाली होती है दुश्मन के विमानों या ड्रोन्स को निशाना बना सकती है. एक आकाश मिसाइल की कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये है. इसके निर्माण का खर्च कुल 1,000 करोड़ रुपये था, जो विदेशी मिसाइलों से 8-10 गुना कम है. आकाश जैसी मिसाइलें सस्ती इसलिए हैं क्योंकि भारत ने स्वदेशी तकनीक से इन्हें बनाया. अब ब्रह्मोस मिसाइल लीजिए ये भारत-रूस का संयुक्त प्रोजेक्ट है. एक ब्रह्मोस मिसाइल की कीमत 34 करोड़ रुपये है. जबकि इसके उत्पादन इकाई की लागत 300 करोड़ रुपये है. ब्रह्मोस सुपरसोनिक है, यानी ध्वनि की गति से तीन गुना तेज चलती है. फिर S-400 मिसाइल सिस्टम, जो रूस से खरीदा गया. पूरा सिस्टम 35,000 करोड़ में आया, लेकिन एक मिसाइल की कीमत 8 करोड़ रुपये तक है. ये ड्रोन या दुश्मन विमान को हवा में ही मार गिराती है. 

सबसे महंगी कौन सी मिसाइल?अमेरिका की ट्राइडेंट मिसाइल दुनिया की सबसे महंगी मिसाइल है. एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्राइडेंट मिलाइल की कीमत 89.7 मिलियन डॉलर है यह बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे पनडुब्बी से लॉन्च किया जाता है. इस मिसाइल को अमेरिका की सबसे उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल माना जाता है.

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मिसाइल बनाने में इतना खर्च क्यों?  मिसाइल बनाने की औसत लागत किसी मिसाइल के प्रकार, आकार, तकनीक, रेंज और उत्पादन मात्रा पर निर्भर करता है. इसके अलावा मिसाइल बनाने में हाई-टेक पार्ट्स लगते हैं रडार, कंप्यूटर चिप्स, ईंधन और वॉरहेड लगते हैं. एक छोटी गलती से पूरी मिसाइल बेकार हो जाती है. इसे भी पढ़ें: क्या भारत की तरह पाकिस्तान में भी होती है जनगणना, वहां इसे करवाता कौन है?