महर्षि वात्स्यायन द्वारा लिखा गया कामशास्त्र (कामसूत्र) दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला ग्रंथ है. यह एक ऐसा ग्रंथ है, जो लोगों के बीच हमेशा चर्चा में बना रहता है और हर समय प्रासंगिक है. बहुत से लोग सोचते हैं कि कामसूत्र सिर्फ यौन क्रिया और सेक्स पर आधारित एक किताब है, लेकिन ऐसा नहीं है. इस ग्रंथ में स्त्री और पुरुष के व्यवहार और उनके दर्शन के बारे में भी बहुत कुछ लिखा गया है.
महर्षि वात्स्यायन ने कामसूत्र को संस्कृत में लिखा था. इसके कई भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस किताब को उर्दू में क्या कहा जाएगा? दरअसल, देश की टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार जामिया मिलिया इस्लामिया ने इस ग्रंथ के ऊर्दू ट्रांसलेशन को अपनी लाइब्रेरी में शामिल किया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस महाग्रंथ को उर्दू में किस नाम से जाना जाता है.
यह भी पढ़ें: डोसे के साथ खूब खाते होंगे सांभर, क्या पता है इसकी कहानी? 'छावा' से जुड़ा है इतिहास
क्या है कामसूत्र का उर्दू ट्रांसलेशन
जामिया मिलिया इस्लिामिया ने अपने दुर्लभ पांडुलिपि संग्रह (Manuscript Collection) में इस ग्रंथ के उर्दू अनुवाद को शामिल किया है. कामशास्त्र का उर्दू अनुवाद को 'लज्जत-उन-निसा' नाम से जामिया की डॉ जाकिर हुसैन लाइब्रेरी में जोड़ा गया है. जामिया की ओर से कहा गया है कि लज्जत-उन-निसा का उर्दू अनुवाद मलिक मजाजी देहलवी द्वारा पूरा किया गया है.
ये महाकाव्य भी जुड़े लाइब्रेरी से
जामिया मिलिया इस्लामिया की ओर से कहा गया है कि डॉ जाकिर हुसैन लाइब्रेरी में उर्दू में भगवत गीता, महाभारत और अवधी महाकाव्य पद्मावत के डिजिटलाइज्ट फारसी अनुसाद को भी जोड़ा गया है. बता दें, इस साल जामिया ने 13 पांडुलिपियां और अनुवाद शामिल किए हैं. अबतक जामिया में 6000 दुर्लभ पुस्तकों और 2243 दुर्लभ पांडुलिपियों समेत छह लाख से ज्यादा पुस्तकों को लाइब्रेरी में शामिल किया गया है.
यह भी पढ़ें: बिहार बोर्ड परीक्षा के टॉपर्स को मिलेंगे लाखों रुपये, जानिए इनाम में मिलने वाले पैसे पर टैक्स लगेगा या नहीं