ईरान ने आज यानी 14 अप्रैल को तड़के इजराइल पर हमला कर दिया. ईरान ने अपने हमले में सैंकड़ों ड्रोन, बैलेस्टिक मिसाइल तथा क्रूज मिसाइलें दागी है. बता दें कि ईरान और इजराइल के बीच 1979 की इस्लामी क्रांति के दौर में दुश्मनी शुरू हुई थी. वहीं इजराइल के एक सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि ईरान ने 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागी, जिनमें से 99 प्रतिशत को हवा में ही नष्ट कर दिया गया है. आज हम आपको बताएंगे कि इजरायल की आयरन डोम टेक्नोलॉजी क्या है?  


इजराइल का आयरन डोम?


बता दें कि इजराइल ने ‘आयरन डोम’ के जरिये ईरान की मिसाइल और ड्रोन हवा में मार गिराया है. यह एक एयर डिफेंस शील्ड है और इसका पूरा नाम ‘आयरन डोम एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम’ है. आयरन डोम  को दुश्मनों के खिलाफ इजरायल का सबसे भरोसेमंद साथी भी कहा जाता है.


कैसे बना आयरन डोम?


जानकारी के मुताबिक साल 2006 में जब हिज्बुल्ला ने ठीक इसी तरह इजराइल पर रॉकेट से हमला किया था. उस वक्त इजराइल के कई नागरिकों की मौत हुई थी. जिसके बाद इजराइल ने रॉकेट और मिसाइल हमलों से निपटने के लिए एक डिफेंस सिस्टम डेवलप करने का ऐलान किया था.


आयरन डोम की लागत


जानकारी के मुताबिक सरकारी डिफेंस कंपनी रफाल ने ये डोम मिसाइल शील्ड तैयार किया है. वहीं अमेरिका ने भी इस प्रोजेक्ट को 20 करोड़ डॉलर की मदद दी थी और साल 2011 में आयरन डोम डिफेंस सिस्टम बनकर तैयार हुआ था. इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 3 लाख करोड़ रुपये की लागत आई थी. टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के मुताबिक आयरन डोम में जो इंटरसेप्टर लगे हैं, उन्हें तामिर  नाम दिया गया है. हर इंटरसेप्टर की कीमत 1.5 लाख डॉलर है.


कैसे काम करता है आयरन डोम? 


जानकारी के मुताबिक आयरन डोम एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम में ऐसे इंटरसेप्टर लगे हैं, जो यह पता लगा लेते हैं कि कोई मिसाइल या रॉकेट किसी रिहायशी इलाके में तो नहीं गिरने वाला है. इस तकनीक के जरिए मिसाइल को इंटरसेप्ट करने के बाद यह सिस्टम उसे हवा में ही मार गिराता है. वहीं यह डिफेंस सिस्टम दिन-रात और सभी मौसम में कार्य करने में सक्षम है. वहीं आयरन डोम एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को डेवलप करने वाली कंपनी रफाल के मुताबिक इसका सक्सेज रेट 90% है. ईरान ने जब आज यानी 14 अप्रैल को तड़के इजराइल पर हमला किया, तो जवाबी कार्रवाई में इजराइल ने आयरन डोम तकनीक के जरिए 99 फीसदी ईरानी  मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर दिया. 


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