इजराइल और ईरान के युद्ध के करीब 10 दिन बीत गए हैं. दोनों देश हैं कि शांति समझौते का नाम नहीं ले रहे हैं, वहीं अब इस लड़ाई में अमेरिका भी कूद गया है और उसने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं. अमेरिका को ऐसा लगता है कि उसके ईरान पर हमले से जंग रुक जाएगी. इस हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने बयान देते हुए कहा है कि अगर ईरान अब भी पीछे नहीं हटा तो हमला और बड़ा होगा. वहीं इस हमले के बाद ईरान ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका को चेतावनी दी है कि वो कच्चे तेल की वैश्विक आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है. 

ईरान और इजराइल के इस युद्ध में ईरान के तीन प्रमुख ठिकाने नतांज, फोर्दो और इस्फहान को निशाना बनाया गया है. नतांज और फोर्दो वो दो जगहें हैं, जहां से ईरान यूरेनियम का संवर्धन करता है. वहीं इस्फहान से कच्चा माल सप्लाई होता है. चलिए जान लेते हैं कि यूरेनियम संवर्धन क्या होता है और इससे परमाणु बम कैसे बनता है. 

यूरेनियम संवर्धन क्या है?

संवर्धन का अर्थ होता है- यूरेनियम में एक खास किस्म के परमाणु (U-235) की मात्रा को बढ़ाना होता है, जिससे कि उसमें फटने की क्षमता आ सके. नॉर्मल भाषा में संवर्धन का अर्थ होता है यूरेनियम को अपग्रेड करना है, बिल्कुल उसी तरह से जैसे कच्चे सोने को शुद्ध किया जाता है. ठीक उसी तरह से यूरेनियम को भी हथियार बनाने लायक बनाया जाता है. प्राकृतिक यूरेनियम में लगभग 0.72% यूरेनियम-235 होता है. बाकी सब यूरेनियम-238 होता है, जो कि फटने में सक्षम नहीं होता है. तब बम बनाने के लिए U-235 को बढ़ाकर 90% तक करना पड़ता है. इसे ही संवर्धन कहा जाता है. 

कैसे बनता है परमाणु बम

ईरान समेत कई देश यूरेनियम के संवर्धन के लिए सेंट्रीफ्यूज मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें यूरेनियम को गैस में तब्दील किया जाता है और फिर उसको तेज स्पीड में घुमा दिया जाता है. इस रफ्तार में भारी यूरेनियम-238 किनारे की तरफ चला जाता है और हल्का यूरेनियम-235 बीच में रह जाता है. इस प्रक्रिया को कई को कई बार किया जाता है, जिसे U-235 का प्रतिशत बढ़ जाता है. यही वो टेक्नोलॉजी है, जिसको लेकर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां चिंतित रहती हैं, क्योंकि यही विधि बम बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है. 

कितना आगे निकल गया ईरान

इजराइल के हमला शुरू करने के बाद तो ईरान के परमाणु केंद्रों और मटीरियल को लेकर सही स्थिति की कोई खास जानकारी नहीं है. हमला होने तक ईरान यूरेनियम को 60 फीसदी की शुद्धता तक संवर्धित कर रहा था. IAEA के मापदंडों की मानें तो ईरान के पास जो यूरेनियम था उसको संवर्धित करके करीब 9 परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं. इस स्थिति तक पहुंचने के बाद ईरान कुछ दिनों में या फिर करीब एक हफ्ते से कुछ ज्यादा वक्त में परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम संवर्धित करता या कर सकता है. 

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