आजकल मार्केट में मेकअप के एक से एक ब्यूटी ब्रैंड्स आ गए हैं. सभी कंपनियां अपने नए-नए मेकअप प्रोडक्ट्स लॉन्च कर रही हैं. ऐसे में मार्केट में आज मेकअप फैशन का एक टूल बन चुका है. साथ ही, इसी मेकअप के जरिए ब्यूटी स्टैंडर्ड्स भी डिसाइड होने लगे हैं. 

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क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले मेकअप की शुरुआत कब और कहां हुई थी. दरअसल, मेकअप फैशन के बजाय सर्वाइवल के लिए बनाया गया था, लेकिन समय के साथ इसका इस्तेमाल बदल गया और यह आज मॉडर्न फैशन का टूल बनकर रह गया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे हुई थी मेकअप की शुरुआत. 

कैसे हुई थी मेकअप की शुरुआत ?

पुराने समय में मेकअप अट्रैक्टिव दिखने या ब्यूटी बढ़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता था. इसके बजाय यह सर्वाइवल का तरीका था. अर्ली ह्यूमंस अपने चेहरे और शरीर पर नेचुरल पिग्मेंट्स जैसे- रेड क्ले, ऐश, डास्ट समेत कई चीजें लगाया करते थे. साथ ही, कुछ लोग अपनी आंखों के आसपास कलर का इस्तेमाल किया करते थे. ऐसा करने से उनकी आंखें सूरज की तेज रोशनी, इंसेक्ट्स और डस्ट से बची रहती थीं. साथ ही, ऐसा माना जाता था कि मेकअप से बुरी आत्माएं भी दूर रहती थीं. इसके अलावा कई बार चेहरे पर कलर का इस्तेमाल करना कई जगहों पर कल्चर और ट्रेडिशन का पार्ट भी था. उदाहरण के लिए इजिप्ट में यह प्रैक्टिस अपनी आइडेंटिटी को दिखाने के लिए की जाती थी, इससे ट्राइब्स के सोशल स्टेटस, रोल्स और एज के बारे में पता चलता था. 

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कैसे बना फैशन टूल ?

धीरे-धीरे मेकअप का मीनिंग और इंपॉर्टेंस दोनों ही बदलते चले गए. डार्क एज में चर्च ने मेकअप को गलत कहकर बैन कर दिया था. फिर रेनेसां के समय पर क्वीन एलिजाबेथ ने इसका इस्तेमाल अपने चेहरे के दाग छिपाने के लिए किया था, लेकिन 20वीं शताब्दी की शुरुआत से हॉलीवुड ने मेकअप का मतलब ही बदल कर रख दिया और एक्ट्रेस इसका इस्तेमाल सुंदर दिखने के लिए करने लगीं. इसके बाद आम लोगों ने भी एक्ट्रेस जैसा दिखने के लिए मेकअप लगाना शुरू कर दिया और यह काफी कॉमन हो गया. धीरे-धीरे कंपनीज ने इसे कमर्शियलाइज कर दिया और एड्स के जरिए इसका प्रमोशन होने लगा. आज के समय पर मेकअप पूरी तरह से फैशन और ब्यूटी का पर्याय बन गया है.

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