IndiGo Flight Cancellation: इंडिगो की बड़ी संख्या में फ्लाइट कैंसिल होने और शेड्यूलिंग संकट के चलते भारत के एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने चार फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर्स को नौकरी से निकाल दिया है. इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी न्यू पायलट रेस्ट नॉर्म्स के लिए इंडिगो की तैयारी का ऑडिट करनी थी. इसी बीच सवाल यह उठता है कि इन ऑपरेशंस इंस्पेक्टर्स को कितनी सैलरी मिलती थी. आइए जानते हैं.

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डीजीसीए के फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर कौन हैं 

आपको बता दें कि फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर्स रेगुलर सरकारी कर्मचारी नहीं होते. वे रेगुलेटरी ऑडिट करने के लिए 5 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए एक्टिव पायलट होते हैं. एक बार हायर हो जाने के बाद उन्हें किसी भी एयरलाइन के लिए कमर्शियली फ्लाइट उड़ाने से रोक दिया जाता है. ऐसा इसलिए ताकि उनके इंस्पेक्शन न्यूट्रल रहे और कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट से मुक्त रहें.

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इनका काम काफी ज्यादा जरूरी होता है. ये एयरलाइंस के सेफ्टी नियमों के पालन, पायलट ट्रेनिंग स्टैंडर्ड, फ्लाइट शेड्यूलिंग सिस्टम, आराम की जरूरतों और ऑपरेशनल तैयारी की जांच करते हैं. 

कितनी सैलरी मिलती है 

जिन फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर को हटाया गया वे कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए थे. इसी वजह से उनकी सटीक सैलरी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है. लेकिन अगर तय किए वेतनमान की बात करें तो एक फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर हर महीने लगभग ₹4,22,800 कमाता है. इसी के साथ एक सीनियर फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर हर महीने लगभग ₹6,13,500 कमाता है.  इनमें सबसे ऊंची पोस्ट डिप्टी चीफ फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर की होती है, जिसे हर महीने लगभग ₹7,15,100 मिलते हैं. 

इन इंस्पेक्टर्स को क्यों हटाया गया 

डीजीसीए ने चार फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर्स को हटा दिया है क्योंकि उन पर आरोप था कि वे नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन फ्रेमवर्क के लिए इंडिगो की तैयारी का आकलन करने में नाकाम रहे. यह एक ऐसा नियम है जो सीधे पायलट फटीग मैनेजमेंट पर असर डालता है. इंडिगो भारत के घरेलू एविएशन मार्केट के 65% से ज्यादा हिस्से को कंट्रोल करती है. हाल ही में पायलटों की कमी और रोस्टरिंग में गड़बड़ी की वजह से हजारों फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी. रेगुलेटर ने यह नतीजा निकला कि निगरानी में कमी की वजह से यह संकट बढ़ा और यही वजह है कि डिसीप्लिनरी एक्शन लिया गया.

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