सोचिए आप कहीं जा रहे हों और बीच रास्ते में आपको पेशाब लग जाए. ऐसे में या तो आप अपनी गाड़ी रोक कर सड़क के किनारे पेशाब कर सकते हैं या फिर किसी ऐसी जगह गाड़ी रोक सकते हैं, जहां पेशाब करने की सुविधा हो. अब स्वच्छ भारत की वजह से आप सड़क पर तो पेशाब कर नहीं सकते, इसलिए आपको किसी ऐसी जगह अपनी गाड़ी रोकनी होगी जहां पेशाब करने की सुविधा.


लेकिन अगर आपके रास्ते में सबसे पहले कोई 5 स्टार होटल आ जाए, तो क्या आप वहां गाड़ी रोक कर सिर्फ पेशाब करने उस शानदार होटल में जाएंगे? शायद नहीं जाएंगे. लेकिन अगर हम कहें कि आपको जाना चाहिए... क्योंकि भारतीय कानून आपको इसका हक देता है तो फिर आप क्या कहेंगे. चलिए आपको आज इसी से जुड़े कानून के बारे में बताते हैं.


क्या है इससे जुड़ा कानून


इस कानून को इंडियन सराय एक्ट कहते हैं. यह अंग्रेजों द्वारा बनाया गया कानून है. इस कानून को 1867 में बनाया गया था. दरअसल, इंडियन सराय एक्ट के सेक्शन 7 (2) में “Free Access” का जिक्र है. इसका अर्थ है कि कोई भी इंसान पेशाब लगने की स्थिति में किसी भी होटल या रेस्टोरेंट में जा कर उसका वॉशरूम इस्तेमाल कर सकता है. इसके लिए उसे होटल को एक रुपये चुकाने की जरूरत नहीं है. सबसे बड़ी बात कि यह नियम 5 स्टार होटल हो या फिर कोई सामान्य रेस्टोरेंट सब पर सामान्य रूप से लागू होता है.


पानी से भी जुड़ा है कानून


यह कानून सिर्फ टॉयलेट करने का अधिकार ही नहीं देता, बल्कि इंडियन सराय एक्ट के सेक्शन 7 (2) में “Free Access” का जो जिक्र है उसमें पानी के लिए भी कहा गया है. यानी अगर आपको प्यास लगी है तो आप इस कानून के तहत किसी भी होटल या रेस्टोरेंट में जाकर पीने के लिए मुफ्त में पानी मांग सकते हैं. इसके लिए आपको होटल वाला कभी भी मना नहीं कर सकता है.


अगर कोई मना करता है तो क्या होगा


अगर कोई होटल वाला या रेस्टोरेंट वाला आपको इन सुविधाओं का इस्तेमाल करने से रोकता है तो उसके खिलाफ सराय एक्ट के सेक्शन 14 के तहत कार्रवाई हो सकती है. इसकी जानकारी केंद्र सरकार की वेबसाइट पर भी मौजूद है.


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