हम जब भी हाथ में पैसे लेकर गिनते हैं तो हर नोट पर महात्मा गांधी ही दिखते हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो इंडियन करेंसी पर होना एक आम बात सी लगती है, लेकिन भारतीय करेंसी पर महात्मा गांधी कैसे आए? महात्मा गांधी से पहले भारतीय नोटों पर कौन था? भारतीय रिजर्व बैंक के पास महात्मा गांधी के अलावा इंडियन करेंसी के लिए क्या-क्या ऑप्शन थे? आज हम यही जानेंगे...
दरअसल, कई बार भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीरों को हटाने की वकालत हो चुकी है. कुछ लोगों ने बापू की जगह सुभाष चंद्र बोस तो कुछ ने भगत सिंह की तस्वीर लगाने की वकालत की, लेकिन बापू जहां थे वहीं बने रहे. अब सीधे टॉपिक पर आते हैं.
गांधी नहीं तो कौन?
भारत की आजादी से पहले ब्रिटिश इंडिया में भारतीय करेंसी पर ब्रिटेन की राजा की तस्वीरें हुआ करती थीं. ये तस्वीरें थीं किंग जॉर्ज पंचम की. 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ तो उसके बाद भी देश का संविधान बनने तक इन नोटों को छापना जारी रखा गया. हालांकि, आजादी की बाद सभी का मानना था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर भारतीय नोटों पर होनी चाहिए, लेकिन सहमति बनी अशोक स्तंभ पर. 1950 में पहली बार 2,3,10 और 100 के नोट छापे गए थे. इन भी नोटों पर अशोक स्तंभ की तस्वीर छपी थी.
बापू से पहले ये भी दिखे नोटों पर
आजादी के बाद भारतीय करेंसी में लगातार एक्सपेरीमेंट जारी रहे. 1950 से 60 के बीच नोटों पर बाघ, हिरण जैसे जानवरों की तस्वीर भी छापी गई. इसके अलावा नोटों पर बदलते भारत यानी हीराकुंड बांध, आर्यभट्ट सैटेलाइट, बृहदेश्वर मंदिर की तस्वीर भी दिखाई गईं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांधी के अलावा जिस तस्वीरों को नोटों पर छापने का सजेशन आरबीआई के पास आया था, उस लिस्ट में जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश जैसे देवता भी शामिल थे.
कब नोट पर आए महात्मा गांधी?
साल 1969 में पहली बार महात्मा गांधी की 100वीं जयंती के मौके पर इंडियन करेंसी पर उनकी तस्वीरों को छापा गया. इसमें महात्मा गांधी को बैठे हुए दिखाया गया, जिसमें उनके पीछे सेवाग्राम आश्रम की तस्वीरें थीं. भारतीय रिजर्व बैंक ने 1987 से नियमित रूप से इंडियन करेंसी पर महात्मा गांधी को छापना शुरू किया था.
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