पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. अब तक ऑपरेशन सिंदूर की मदद से भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों पर मिसाइल अटैक करके 100 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई इलाकों पर ड्रोन व मिसाइल से हमला किया, जिसे भारत ने नाकाम कर दिया. अब भारत की तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जंग के दौरान बुलडोजर भी इस्तेमाल किया जाता है? आखिर यह दुश्मनों के मंसूबों को किस तरह नेस्तनाबूद करता है?
जंग में क्यों इस्तेमाल होता है बुलडोजर?
गौरतलब है कि युद्ध के दौरान बुलडोजर भी इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, इसका इस्तेमाल पारंपरिक हथियारों जैसे बंदूक, टैंक या मिसाइल की तरह नहीं सीधा हमला करने के लिए नहीं होता है. यह सेना की मदद करने और रणनीतिक मकसद के लिए यूज किया जाता है. दरअसल, बुलडोजर मुख्य रूप से सैन्य इंजीनियरिंग और रसद पहुंचाने में अहम योगदान देते हैं.
युद्ध में ऐसे काम आता है बुलडोजर
युद्ध के दौरान बुलडोजर का इस्तेमाल दुर्गम यानी पहाड़ी इलाकों में सड़कें बनाने से लेकर मलबा हटाने तक के लिए किया जाता है. इससे सैन्य वाहनों जैसे टैंक आदि के लिए रास्ता साफ किया जाता है. वहीं, युद्ध क्षेत्रों में अस्थायी हवाई पट्टियां बनाने के लिए भी बुलडोजर यूज होता है. इसकी मदद से जमीन को समतल किया जाता है. इसके अलावा एलओसी के इलाकों में खाई खोदने से लेकर बंकर बनाने में भी बुलडोजर काफी काम आता है. साथ ही, सैनिकों की मदद के लिए रास्ते में बाधाएं बनाने में भी बुलडोजर यूज किया जाता है.
कैसे होते हैं युद्ध में इस्तेमाल होने वाले बुलडोजर?
युद्ध के दौरान इस्तेमाल होने वाले बुलडोजर आम बुलडोजर से अलग होते हैं. इसके लिए कुछ बुलडोजर को बख्तरबंद बनाया जाता है, जिससे वे गोलीबारी और विस्फोट का सामना कर सकें. इसके अलावा अब रोबोटिक बुलडोजर भी बनने लगे हैं, जो रिमोट से चलते हैं या ऑटोमैटिक भी काम करते हैं. इन्हें बनाने का मकसद सैनिकों को खतरे से बचाना होता है.
22 अप्रैल से लगातार बढ़ रहा तनाव
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था. उस दौरान पर्यटकों से धर्म पूछकर उन्हें गोलियां मार दी गईं. इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वॉर्टर भी शामिल हैं.
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