भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल जो जम्मू, पठानकोट, उधमपुर, अखनूर, जैसलमेर, जालंधर, फिरोजपुर और पोखरण को निशाना बनाने आ रहे थे, उन्हें हवा में ही मार गिराया है. भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अपने नाजुक दौर से गुजर रहे हैं. भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर निर्दोष टूरिस्ट की मौत का बदला करीब 100 आतंकियों को मार कर लिया है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की तरफ से लगातार भारत के सीमा वाले राज्यों में गोलीबारी, ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया जा रहा है. चलिए आपको बताते हैं कि पाकिस्तान की सेना के सामने युद्ध कौन करता है आर्मी या बीएसएफ और दोनों में क्या अतंर होता है. 

बीएसएफ भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1965 के जंग के बाद 1 दिसंबर 1965 को बीएसएफ की स्थापना की गई थी. 25 बटालियन के साथ इस फोर्स की स्थापना की गई थी. पाकिस्तान के साथ साथ बांग्लादेश की सीमा को सुरक्षित रखने वाले बीएसएफ में लगभग 2.57 लाख  से 2.65 लाख सैनिक हैं. साल 2024-25 में 28,231 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था. बीएसएफ दुनिया की सबसे बड़ी सीमा सुरक्षा बल है.

BSF के पास अभी 193 बटालियन हैं. इसका मुख्य काम भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा, भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा, नियंत्रण रेखा की सुरक्षा के साथ नक्सल विरोधी अभियानों में अपना योगदान देना है. यह एक मात्र CAPF है, जिसके पास एयर विंग, मरीन विंग और आर्टिलरी रेजिमेंट हैं. BSF घुसपैठ को रोकती है. सीमाओं की सुरक्षा बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के साथ भारतीय सेना भी करती है. 

भारतीय सेनाजब बात युद्ध की हो तो भारतीय सेना मोर्चा संभालती है एक तरफ जहां बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स बॉर्डर के अंदर सुरक्षा ऑपरेशन का जिम्मा उठाते हैं वहीं इंडियन आर्मी क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन को भी अंजाम देती है. आर्मी के जवानों को बीएसएफ के मुकाबले ज्यादा सुविधाएं दी जाती है जिसमें कैंटीन और आर्मी स्कूल शामिल हैं. भारतीय सेना के जवान बॉर्डर से दूर रहते हैं और दुश्मन के साथ जंग के लिए तैयार रहते हैं. बीएसएफ गृह मंत्रालय के आधीन आती है वहीं, इंडियन आर्मी रक्षा मंत्रालय के अंडर काम करती है. आर्मी में लेफ्टिनेंट, मेजर, कर्नल, ब्रिगेडियर, मेजर जर्नल का पोस्ट होता है. 

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