जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है. दोनों देशों की मिलिट्री अलर्ट मोड पर है और सीमा पर जंग जैसे हालात बने हुए हैं. इस बीच भारत में पाकिस्तान के खिलाफ जंग की मांग तेज होती जा रही है और लाखों लोग पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को वापस लेने की मांग कर रह हैं. दरअसल, भारत में लंबे समय से पीओके को वापस लेने की मांग उठती रही है. ऐसे में लोगों का कहना है कि पीओके को वापस लेने का यही सही समय है.
हालांकि, यह तथ्य हैरान करने वाला है कि पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) पर पाकिस्तान का कब्जा होने के बाद भी यह पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली से लेकर वहां की सरकार का भी आधिकारिक तौर पर पीओके में दखल नहीं है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर में किसकी सरकार चलती है और वहां का प्रधानमंत्री कौन है़?
पाकिस्तान से काफी अलग है पीओके
देश की आजादी के बाद पाकिस्तान जब भारत से अलग हुआ तो 1947 में ही उसने कश्मीर पर हमला कर पीओके को अपने कब्जे में ले लिया. तब से पाकिस्तान इसे अपना हिस्सा बताता है. हालांकि, भारत ने कभी भी इसे पाकिस्तान हिस्सा नहीं माना. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा तो है, लेकिन कथित तौर पर पाकिस्तान ने इसे स्वायत्ता दी हुई है. पाकिस्तान के संविधान में तकनीकी तौर पर पाओके पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है. दरअसल, पाकिस्तान के संविधान में पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा का जिक्र है, लेकिन इसमें पाक अधिकृत कश्मीर शामिल नहीं है. इतना ही नहीं पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इसका कोई रिप्रेजेंटेशन नहीं है.
चलती है अलग सरकार
पाक अधिकृत कश्मीर करीब 13000 किलोमीटर में फैला हुआ है और यहां 40 लाख से ज्यादा आबादी रहती है. कथित तौर पर पाकिस्तान की ओर से इस क्षेत्र को आतंरिक व्यवस्था के संचालन की अनुमति दी गई है और यहां का राजनैतिक ढांचा भी पूरी तरह से अलग है. पाक अधिकृत कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से लेकर अपनी विधानसभा भी है. इतना ही नहीं पाक अधिकृत कश्मीर की अपनी पुलिस और यहां की न्यायिक व्यवस्था भी पूरी तरह अलग है, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जैसी संस्थाएं हैं. पाक अधिकृत कश्मीर में मौजूदा समय में प्रधानमंत्री चौधरी अनवर-उल-हक की सरकार है.
पाकिस्तान के दखल के लगते हैं आरोप
भले ही पाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर को कथित तौर पर स्वायत्ता देने का हवाला देता हो, लेकिन पाकिस्तान की सरकार पर यह आरोप हमेशा से लगते आए हैं कि पाकिस्तान की सरकार ही तय करती है कि पीओके में कौन पीएम बनेगा. पाकिस्तान की सरकार यह सुनिश्चित करती है कि यहां के चुनावों में उनके ही सपोर्टर नेता हिस्सा लें, जिससे पाकिस्तान का इस पर नियंत्रण बना रहे.
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