भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान भारत के कई हथियारों ने पाकिस्तान को दिन में तारे दिखा दिए थे. उन्हीं हथियारों मे से एक था पिनाका रॉकेट लॉन्चर. पिनाका को दुश्मनों का काल कहा जाता है क्योंकि यह 42 सेकेंड में 12 रॉकेट दागने की क्षमता रखता है, इसके चलते यह सिर्फ 30 सेकेंड के भीतर पूरे लाहौर को धुंआ-धुंआ कर सकता है. चलिए, आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर पिनाका काम कैसे करता है और यह दुश्मनों के लिए कितना खतरनाक है.
क्या है पिनाका पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम भारतीय हथियारों के जखीरे का एक खास अस्त्र है. पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने इसके लाइव फायरिंग ड्रिल का आयोजन किया था. इसको एक तरह से पाकिस्तान के खिलाफ तैयारी के तौर पर देखा गया. इस मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम का नाम भगवान शिव के पौराणिक धनुष पिनाका के नाम पर रखा गया है. इसको DRDO ने डिजाइन किया है और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लार्सन एंड टुब्रो कंपनियों ने इसे बनाया है.
कैसे काम करता है पिनाका पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम में GPS और गाइडेड सिस्टम लगा होता है. विशेषज्ञों अनुसार पिनाका रॉकेट मैक 4.7 की रफ्तार को छू सकता है, यही कारण है कि इसे रोकना काफी मुश्किल हो जाता है. इससे दुश्मन के किसी भी ठिकाने को सटीकता से निशाना लगाया जा सकता है. इससे आसानी से टैंकों, बंकरों और अन्य लक्ष्यों को ध्वस्त किया जा सकता है. इसके मार्क I की रेंज पहले 40 किलोमीटर थी वहीं, अपग्रेडेड वर्जन की रेंज 45 किलोमीटर से लेकर लगभग 90 किलोमीटर तक है यह आगे बढ़ाया जा रहा है. एमबीआरएल की सबसे खास बात यह है कि यह किसी भी मौसम में काम कर सकता है. इसको फायर कंट्रोल कंप्यूटर, लॉन्चर कंप्यूटर को जोड़कर या फिर मैन्युअल तरीके से ऑपरेट किया जाता है. पिनाका एक मोबाइल ट्रक माउंटेड लॉन्चर होता है जिसमें 6 या 12 ट्यूब्स होती हैं, हर ट्यूब से एक-एक रॉकेट छोड़ा जा सकता है इसका मतलब है कि इससे एक बार में कई रॉकेट दागे जा सकते हैं.
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