भारत और पाकिस्तान के बीच बीते दिनों हुए सैन्य संघर्ष के बाद ब्रह्मोस मिसाइल चर्चा में है. दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान पर 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दागी थीं, जिसकी वजह से पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह हो गए थे. शायद ऐसा पहली बार है जब किसी सैन्य संघर्ष में भारत ने अपने इस शक्तिशाली हथियार का इस्तेमाल किया होगा. ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता इतनी ज्यादा है कि पाकिस्तान मात्र तीन दिनों में ही घुटनों पर आ गया और सीजफायर के लिए राजी हो गया.
ब्रह्मोस एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो मैक 3 की रफ्तार (ध्वनि की चार से 3 गुना) से दुश्मन पर हमला करती है. पाकिस्तान पर इस मिसाइल के इस्तेमाल के बाद दुनिया ने इस अचूक हथियार की ताकत देखी है, जिसके बाद कई देश इसे खरीदना भी चाहते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले भी पाकिस्तान की धरती पर ब्रह्मोस मिसाइल फायर हो चुकी है? तब भी काफी तबाही मची थी.
सटीक है ब्रह्मोस का निशाना
ब्रह्मोस मिसाइल को भारत ने रूस के साथ मिलकर बनाया है. भारत में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इस मिसाइल का कामकाज देखती है. इसका निशाना इतना अचूक है कि यह दुश्मन के ठिकाने के एक मीटर के अंदर प्रहार करके उसे नेस्तनाबूत करती है और इसकी रफ्तार के कारण इसे किसी भी रडार से इंटरसेप्ट भी नहीं किया जा सकता.
ऑपरेशन सिंदूर से पहले कब हुई थी फायर?
अब सवाल है कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान की धरती पर कब फायर हुई थी? असल में ब्रह्मोस मिसाइल को पाकिस्तान पर फायर नहीं किया गया था, लेकिन यह गलती से रास्ता भटककर पाकिस्तान पहुंच गई थी. जानकारी के मुताबिक, 9 मार्च 2022 को एक परीक्षण के दौरान ब्रह्मोस हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल रास्ता भटक गई थी. यह मिसाइल हरियाणा के सिरसा से दागी गई थी और इसे राजस्थान के महाजन फील्ड रेंज की ओर छोड़ा गया था, लेकिन रास्ता भटकने के कारण मिसाइल पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में दाखिल हो गई और 124 किलोमीटर अंदर चन्नू मियां शहर में गिरी थी, गनीमत रही थी कि इस मिसाइल से किसी तरह की जन हानि नहीं हुई थी, लेकिन पाकिस्तान में काफी तबाही मची थी. इस घटना के बाद वायुसेना के तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया था, जिसमें ग्रुप कैप्टन भी शामिल था.
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