भारत के पासपोर्ट को वैश्विक स्तर पर अब और मजबूती मिल गई है. भारत ने हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में अपनी अब तक की सबसे बड़ी छलांग लगाई है, जो देश की बढ़ती कूटनीतिक ताकत का प्रतीक है. आइए, इस उपलब्धि के बारे में विस्तार से जानते हैं.
भारत की रैंकिंग में उछाल हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पासपोर्ट ने 8 पायदान की छलांग लगाकर 85वें स्थान से 77वें स्थान पर जगह बनाई है. यह पिछले छह महीनों में भारत का अब तक का सबसे बड़ा सुधार है. इस इंडेक्स में पासपोर्ट की ताकत इस आधार पर मापी जाती है कि वह कितने देशों में वीजा-मुक्त या वीजा-ऑन-अराइवल यात्रा की सुविधा देता है. भारत के पासपोर्ट धारक अब 59 देशों में बिना वीजा या वीजा-ऑन-अराइवल के साथ यात्रा कर सकते हैं, जो पहले 57 देशों तक सीमित था. यह उपलब्धि भारत की बढ़ती वैश्विक गतिशीलता और कूटनीतिक रिश्तों को दर्शाती है.
दुनिया में सबसे ताकतवर पासपोर्ट हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में सिंगापुर टॉप पर है. सिंगापुर का पासपोर्ट 193 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा के साथ शीर्ष पर है. इसके बाद जापान, साउथ कोरिया आते हैं जिनके पासपोर्ट से 190 देशों में एंट्री मिलती है. तीसरे स्थान पर डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, आयरलैंड, स्पेन (189 देश). दूसरी ओर, अफगानिस्तान का पासपोर्ट 26 देशों के साथ सबसे कमजोर है. भारत पासपोर्ट इंडेक्स में 77वें स्थान पर पहुंच गया है और उसके पास 59 गंतव्यों तक वीजा मुक्त पहुंच उपलब्ध है. हालांकि भारत ने इस साल जनवरी में 85वें स्थान पर गिरावट देखी थी, लेकिन जुलाई 2025 की रिपोर्ट में यह सुधार भारत की कूटनीतिक सफलता को दर्शाता है. हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में भारत की 8 पायदान की छलांग न केवल पासपोर्ट की ताकत, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक साख को दर्शाती है. 59 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा भारतीयों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाएगी.
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