इस साल के आखिरी में बिहार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उससे पहले भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है. उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त किए जाने की अधिसूचना विधानसभा सचिवालय की तरफ से जारी हो गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि विधायकी छिन जाने के बाद भी क्या उनको पेंशन मिलती रहेगी या नहीं? चलिए, जानते हैं कि इसको लेकर क्या नियम हैं.

विधायकी जाने के बाद भी क्या मिलेगी पेंशन?

इसका जबाव है हां, विधायकी छिन जाने के बाद भी उनको पेंशन मिलती रहेगी. इस तरह के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष को किसी पूर्व विधायक के खिलाफ अयोग्यता याचिका पर फैसला करते समय उसकी पेंशन और अन्य भत्तों को रोकने का अधिकार नहीं है. यानी, दसवीं अनुसूची (Anti-Defection Law) के तहत कार्रवाई करते हुए अध्यक्ष सिर्फ सदस्यता पर फैसला कर सकते हैं, लेकिन पेंशन और भत्तों से संबंधित निर्णय उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता.

दरअसल, भारत के लगभग सभी राज्यों में यह व्यवस्था है कि अगर कोई व्यक्ति एक बार भी विधायक रह चुका है, तो उसे पेंशन का अधिकार मिल जाता है. हालांकि, यह उनके विधानसभा की अवधि पर निर्भर कर सकता है कि कितनी पेंशन मिलेगी. विधायकों को तो पेंशन एक ही मिलती है, लेकिन अगर कोई बार-बार जीतकर जाता है तो उसके पेंशन में इजाफा होता रहता है. इसके लिए हर राज्य का अपना कानून है. जैसे कि उत्तर प्रदेश में जो विधायक जितनी बार चुनकर विधानसभा जाएगा, उसके पेंशन में 2 हजार की बढोतरी होगी. वहीं, दिल्ली में यह एक हजार रुपये है. अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो पेंशन मिलती है भले ही वह विधायक एक बार के लिए ही क्यों न चुना गया हो. 

विधायकी छिनने के कारण 

विधायक की सदस्यता छिनने के पीछे कई कारण होते हैं, जिसमें दलबदल कानून के तहत अयोग्यता, आपराधिक सजा, न्यायालय के आदेश से सदस्यता रद्द होना और अन्य संवैधानिक आधार हैं. इस तरह के मामले में सामान्यतः पेंशन पर असर नहीं पड़ता. लेकिन अगर उसे देशद्रोह, भ्रष्टाचार या गंभीर आपराधिक मामलों में दोषी करार दिया जाता है तो कोर्ट पेंशन को लेकर फैसला सुना सकती है. राज्य सरकार विशेष नियम या अधिसूचना जारी कर पेंशन निलंबित या रद्द कर सकती है. हालांकि ऐसे कदम काफी गंभीर मामलों में उठाए जा सकते हैं. हर राज्य के अपने नियम हैं, लेकिन अधिकांश जगहों पर एक बार विधायक बनते ही पेंशन का हक मिल जाता है. 

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