दुनिया में एक बार फिर परमाणु हथियारों को लेकर बहस छिड़ गई है. इस बहस को जन्म दिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने. पहले उन्होंने अमेरिका द्वारा 30 से ज्यादा सालों बाद परमाणु परीक्षण शुरू किए जाने का संकेत दिया. इसके बाद सीधे पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि यह देश गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण कर रहा है. ऐसे में अमेरिका को भी परमाणु परीक्षण से पीछे नहीं हटना चाहिए, जबकि दूसरे देश छिपकर जमीन के नीचे परमाणु परीक्षण करना जारी रखे हुए हैं. 

Continues below advertisement

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस बयान के बाद दुनिया के तमाम देशों का रुख परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की तरफ है. लोग यह जानना चाह रहे हैं कि न्यूक्लियर पॉवर कंट्रीज इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, क्योंकि दुनिया एक बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का दंश झेल चुकी है, जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला किया गया था. दुनिया एक बार पृथ्वी पर तो न्यूक्लियर वॉर से होने वाली तबाही देख चुकी है, लेकिन क्या आपको पता है कि अंतरिक्ष में भी न्यूक्लियर वॉर छिड़ सकती है. कुछ देश इस क्षमता को हासिल भी कर चुके हैं. 

पृथ्वी की बाहरी कक्षा में परीक्षण कर चुके हैं ये देश

Continues below advertisement

दुनिया के शक्तिशाली देशों के बीच परमाणु हथियारों की प्रतिस्पर्धा किसी से छिपी नहीं है. खासतौर पर अमेरिका और रूस के बीच दशकों से परमाणु हथियारों की होड़ लगी है. दोनों ही देश भले ही परमाणु हथियारों को सीमित करने की बात करते हों, लेकिन दुनिया इस बात की गवाह है कि दोनों ही देश एक से एक खतरनाक परमाणु परीक्षण करते आए हैं. इतना ही नहीं, 1958 और 1962 के बीच अमेरिका ओर रूस ने पृथ्वी की बाहरी कक्षा में कई परमाणु परीक्षण किए थे. इसे रोकने के लिए 1967 में आउटर स्पेस ट्रिटी भी बनाई गई थी, जिसके तहत कोई भी देश अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं कर सकता. इसके बावजूद अमेरिका ने तो 2024 में दावा तक किया था कि रूस स्पेस आधारित एंटी-सैटेलाइट न्यूक्लियर हथियार डेवलप कर रहा है. रूस ने इसका खंडन किया था. 

इन देशों के पास है स्पेस में न्यूक्लियर वॉर की क्षमता

दुनिया के 9 ही देश ऐसे हैं, जिनके पास परमाणु हथियार हैं. इसमें अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल, उत्तर कोरिया, फ्रांस शामिल हैं. हालांकि, इसमें सिर्फ चार देश ही ऐसे हैं, जिनके पास स्पेस में जंग लड़ने की क्षमता है. इसमें अमेरिका, रूस, चीन और भारत शामिल हैं. ये सभी देश एंटी-स्पेस सैटेलाइट मिसाइल का परीक्षण कर चुके हैं. 2019 में भारत ने मिशन शक्ति के तहत भारत ने लो-ऑर्बिट सैटेलाइट को एंटी-सैटेलाइट मिसाइल से मार गिराया था. 

कितनी होगी तबाही?

पृथ्वी पर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल केवल एक बार किया गया है. इस दौरान लाखों लोग मारे गए थे और हजारों एकड़ जमीन बंजर हो गई थी. हालांकि, स्पेस में इसका इस्तेमाल और भी बड़ी तबाही ला सकता है. सबसे ज्यादा खतरा इलेक्ट्रॉनिक और रेडिएशन के रूप में होगा. अगर ऐसा कोई विस्फोट होता है तो एक विशाल इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल को कवर कर लेगी, जिससे सैकड़ों सैटेलाइट्स तुरंत फेल हो सकती हैं. इससे जीपीएस, मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट, बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह ठप हो जाएगा. पूरी तरह ब्लैकआउट छा सकता है. इसके अलावा रेडिएशन का खतरा हमेशा बना रहेगा. 

यह भी पढ़ें: अगर पिघल जाए दुनिया की पूरी बर्फ तो क्या होगा, भारत के कौन से राज्य सबसे पहले डूबेंगे?