Gold Price: सोना हमेशा से इन्वेस्टमेंट के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद ऑप्शन माना गया है. इसका आकर्षण केवल इसकी कीमत में बढ़ोतरी तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्थिक अनिश्चितताओं के समय यह एक भरोसेमंद साथी भी होता है. ऐसे में अगर आप आज एक किलो सोना खरीदते हैं, तो सवाल उठता है कि 2050 तक इसकी कीमत कितनी हो सकती है और निवेश से कितना लाभ या नुकसान हो सकता है. आइए, वर्तमान रेट और ऐतिहासिक ट्रेंड के आधार पर इसकी कीमतों का आंकलन करते हैं.

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वर्तमान सोने की कीमत 

अक्टूबर 2025 में भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग 11,942 रुपये प्रति ग्राम के आसपास है. इसका मतलब है कि एक किलो यानि 1000 ग्राम सोने की कीमत लगभग 1,19,42,000 रुपये तक हो सकती है. यह दाम अलग-अलग शहरों और बाजारों में थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन तकरीबन यही मूल्य देखा गया है.

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2050 तक सोने की कीमत

एक साधारण गणना के आधार पर देखा जाए तो यदि सोने की कीमतों में वर्तमान दर से औसतन 8% वार्षिक बढ़ोतरी होती है, तो 2050 तक सोने की कीमत में लगभग 25 गुना वृद्धि हो सकती है. इसका मतलब है कि 2050 में एक किलो सोने की कीमत लगभग 30-35 करोड़ तक पहुंच सकती है. लेकिन अगर सोने की कीमतें 10% वार्षिक दर से बढ़े तो यह 45-50 करोड़ रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है. यह अनुमान केवल ट्रेंड और औसत वृद्धि दर पर आधारित है. भविष्य में इसमें कमी या बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.

नफा-नुकसान का आंकलन

पिछले कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि देखी गई है, जो भविष्य में भी जारी रहने की संभावना है. सोना इन्वेस्टमेंट के लिहाज से सुरक्षित विकल्प माना जाता है, खासकर आर्थिक अनिश्चितताओं के समय में सुरक्षित होता है. सोने की कीमतें आमतौर पर इन्फ्लेशन के साथ बढ़ती हैं, जिससे यह इन्फ्लेशन से सुरक्षा देता है.

क्या हो सकता है नुकसान?

एक किलो सोने को सुरक्षित रखने के लिए उचित स्टोरेज और सुरक्षा की जरूरत होती है, जो इसके लिए एक्स्ट्रा खर्च का कारण बन सकता है. सोने को तुरंत नकदी में परिवर्तित करना कभी-कभी मुश्किल हो सकता है, खासकर बड़े दाम में. ऐसे में इसके फायदे के साथ-साथ कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. 

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