आपकी जेब में जो सिक्के पड़े हैं, जिनका इस्तेमाल आप हर रोज करते हैं, क्या कभी आपने उन्हें गौर से देखा है. नहीं देखा है तो आज देखिए. ये समझने के लिए कि आखिर आपकी जेब में पड़ा सिक्का किस राज्य में बना है. दरअसल, ये सभी सिक्के किसी ना किसी टकसाल में बनाए जाते हैं, आपको बता दें टकसाल वो सरकारी कारखाना होता है, जहां सरकार के आदेश और बाजार की मांग को देखते हुए सिक्के बनाए जाते हैं. ये टकसाल देश के अलग-अलग राज्यों में हैं. हर राज्य के टकसाल से निकले सिक्के पर अलग-अलग निशान बने होते हैं. आज हम आपको इन निशानों का मतलब बताएंगे.


नोएडा के टकसाल के सिक्के


उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक टकसाल है जहां सिक्के बनते हैं. ये टकसाल नोएडा के सेक्टर 6 के पास में है. आपको बता दें नोएडा की टकसाल में ढलने वाले सिक्कों पर एक डाट का निशान बना होता था. इसे टकसाल में सबसे पहले 50 पैसे के सिक्के बनाए गए थे और यहां पर छपने वाले 50 पैसे के सिक्कों पर ही सबसे पहले डॉट का निशान बनाया गया था. आज यहां से निकलने वाले हर सिक्के पर चाहे वो एक का हो, दो का हो या पांच या दस का... सब पर डॉट का निशान बना होता है. यानी अगर आपके सिक्के पर डॉट का निशान बना है तो जान जाइए ये सिक्का यूपी के नोएडा के टकसाल का है.


मुंबई के टकसाल का सिक्का


भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी एक सरकारी टकसाल है. इस टकसाल में भी एक, दो, पांच और दस के सिक्के बनाए जाते हैं. आपको बता दें इस टकसाल में बने सिक्कों पर डायमंड का मार्क बना होता है. इसके साथ यहां के सिक्कों पर कई बार आपको B का निशान भी बना दिखाई दे सकता है. इसका मतलब बॉम्बे यानी मुंबई मिंट होता है. हालांकि, साल 1996 के बाद से यहां बनने वाले सिक्कों पर M का निशान बना आने लगा.


स्टार का निशान


हैदराबाद के टकसाल में बने सभी सिक्कों पर स्टार का निशान बना होता है. अगर आपके पास स्टार निशान वाले सिक्के हैं तो समझ जाइए कि ये सिक्का हैदराबाद से आया है. हालांकि, कई सिक्कों में डायमंड के भी चिन्ह बने होते हैं, लेकिन इस डायमंड चिन्हं में आपको एक डॉट का भी साइन देखने को मिलता है. यहां के सिक्कों में जो स्टार का मार्क बना होता है वो सिक्के पर तारीख के नीचे होता है.


अगर सिक्के पर कोई निशान ना हो तो?


अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि अगर किसी सिक्के में कोई निशान नहीं बना हो तो क्या ये सिक्का नकली है. नहीं ऐसा नहीं है. दरअसल, कोलकाता के टकसाल में ढलने वाले सिक्कों पर कोई निशान नहीं बना होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान से ही कलकत्ता मिंट यानी कलकत्ता टकसाल में जो सिक्के बनते थे, उन पर कोई निशान बना नहीं होता था.


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