Diamond Testing: देखने में लैब में उगाए गए हीरे और प्राकृतिक रूप से खनन किए गए हीरे बिल्कुल एक जैसे ही नजर आते हैं. यही वजह है कि आम खरीदार और यहां तक की बिना प्रयोगशाला उपकरणों वाले कई जौहरी भी सिर्फ देखकर यह नहीं बता सकते कि कौन सा हीरा प्राकृतिक है और कौन सा लैब में उगाया गया है. हालांकि इस पहचान के लिए कई व्यावहारिक तरीके मौजूद हैं. आइए जानते हैं क्या हैं ये तरीके.
सबसे विश्वसनीय प्रमाण
अगर आप एक आसान सबूत चाहते हैं तो वह है सर्टिफिकेट की जांच करना. कई बड़ी प्रतिष्ठित रत्न प्रयोगशालाएं खास उपकरणों का इस्तेमाल करके हीरों की जांच करती हैं. साथ ही ग्रेडिंग रिपोर्ट पर लिखती हैं कि रत्न प्राकृतिक है या फिर प्रयोगशाला में बनाया गया है. जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका और इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट जैसी प्रयोगशालाओं के सर्टिफिकेट भारत और दुनिया भर में मान्य हैं.
गर्डल पर एक छोटा सा अक्षर
कई प्रयोगशाला में उगाए गए हीरो के गार्डन यानी कि पतले किनारे पर लैब ग्रोन, एलजी, सीवीडी या फिर प्रमाण करता की रिपोर्ट संख्या जैसे कुछ छोटे-छोटे अक्षर अंकित होते हैं. इन्हें पढ़ने के लिए आपको जौहरी के लूप या फिर माइक्रोस्कोप की जरूरत होगी. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस पोलिश करके हटाया जा सकता है और हर लैब में बनाई गई हीरे में यह नहीं होता.
कुछ छोटी-छोटी गलतियां
प्राकृतिक हीरे अरबों साल पृथ्वी की गहराई में बनते हैं और आमतौर पर उनमें कई छोटी-छोटी गलतियां होती हैं. जैसे खनिज क्रिस्टल, पंख या फिर वृद्धि रेखाएं जो प्राकृतिक जन्म चिन्ह की तरह काम करती हैं. एक नियंत्रित वातावरण में उगाए गए हीरे अक्सर अलग-अलग प्रकार के समावेशन या कम समावेशन दिखाते हैं. यदि कोई भी हीरा अपने आकार और कीमत के हिसाब से एकदम साफ और बिना किसी गलती के दिखता है तो वह लैब में बनाया हुआ हो सकता है.
यूवी परीक्षण
हीरे पराबैंगनी प्रकाश के प्रति अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे सकते हैं. कुछ प्राकृतिक हीरों में नाइट्रोजन होता है जो प्रतिदीप्ति को प्रभावित करता है. इसी के साथ कुछ लैब में उगाए गए हीरे यूवी एक्स्पोजर के बाद अलग प्रतिदीप्ति पैटर्न या फिर फास्फोरसेंस दिखाते हैं. इन अंतरों को समझने के लिए रत्न प्रयोगशाला या फिर प्रशिक्षित परीक्षक की जरूरत होती है.
एडवांस्ड लैब टैस्ट
स्पेक्ट्रोस्कोपी, फोटोल्यूमिनेसेंस और वृद्धि संरचनाओं की सूक्ष्म जांच लैब प्रक्रियाओं और प्राकृतिक निर्माण के लिए खास मार्करों का पता लगाती है. यह टैस्ट सूक्ष्म तत्वों के संकेत, वृद्धि की बनावट और बाकी छोटे सबूतों का पता लगाते हैं. सिर्फ एक मान्यता प्राप्त रत्न विज्ञान लैब रिपोर्ट ही आपको 100% निश्चितता दे सकती है.
क्या होता है दोनों की कीमत में अंतर
दरअसल लैब में उगाए गए हीरों की कीमत प्राकृतिक हीरों से काफी कम होती है. यह अक्सर सामान कट, स्पष्टता और कैरेट के लिए 20 से 40% सस्ते होते हैं.