अगर आप भी यूरोप में बसने का सपना देख रहे हैं तो अब ये सपना सच हो सकता है. दरअसल, यूरोपीय देश हंगरी ने विदेशी निवेशकों के लिए गोल्डन वीजा प्रोग्राम शुरू किया है. खास बात यह है कि भारतीय नागरिक भी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. हंगरी ने जुलाई 2024 से गोल्डन वीजा प्रोग्राम शुरू किया था. इस स्कीम के तहत आपको 10 साल का रेजिडेंस परमिट मिलता है, जिसे आगे और 10 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. इसका मतलब है कि आप और आपका परिवार लंबे समय तक हंगरी में रह सकते हैं, पढ़ाई कर सकते हैं और बिजनेस कर सकते हैं. इतना ही नहीं हंगरी के इस वीजा से 30 से ज्यादा देशों में आप बिना वीजा के घूम सकते हैं.
हंगरी के इस वीजा प्रोग्राम का नाम गेस्ट इन्वेस्टर रेजिडेंस परमिट है. यह नॉन ईयू देश के नागरिकों को दिया जाता है. भारत जैसे देशों के लोग इस प्रोग्राम के जरिए यूरोप में एंट्री ले सकते हैं. एक बार वीजा मिल जाने पर परिवार के सभी सदस्य इसके तहत शामिल हो जाते हैं. खास बात यह है कि इस परमिट को बनाए रखने के लिए हंगरी में लगातार रहना भी जरूरी नहीं है.
क्यों खास है यह वीजा प्रोग्राम?
हंगरी का टैक्स स्ट्रक्चर यूरोप में सबसे आकर्षक माना जाता है. यहां सिर्फ 15 प्रतिशत इनकम टैक्स और 9 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स देना होता है. यही वजह है कि बिजनेस फैमिली और हाई नेट वर्थ लोग इसे बड़े मौके के रूप में देख रहे हैं. गोल्डन वीजा मिलने के 3 साल बाद स्थायी निवास और 8 साल बाद नागरिकता के लिए भी आवेदन किया जा सकता है. वहीं इस प्रोग्राम का फायदा उठाने के लिए आपकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए, इसके अलावा आपका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए और आपके पास इतना पैसा होना चाहिए कि आप और आपका परिवार हंगरी में आराम से रह सके.
कैसे मिलेगा गोल्डन वीजा?
हंगरी का गोल्डन वीजा पाने के लिए वहां की सरकार ने तीन इन्वेस्टमेंट ऑप्शन दिए हैं. जिनके तहत आपको हंगरी के रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट फंड में निवेश करना होगा. वहीं हंगरी के पब्लिक ट्रस्ट संस्थानों में डोनेशन देना होगा. इसके अलावा आपको हंगरी का गोल्डन वीजा लेने के लिए सबसे पहले वहां के कॉन्सुलेट से गेस्ट इन्वेस्टर वीजा के लिए अप्लाई करना होगा. इस वीजा के जरिए आप 6 महीने तक हंगरी जाकर रह सकते हैं और इन्वेस्टमेंट की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. इसके बाद आपको 93 दिनों में इन्वेस्टमेंट पूरा करना जरूरी होगा. इन्वेस्टमेंट पूरा करने के बाद आपको इन्वेस्टमेंट का प्रूफ इमीग्रेशन अथॉरिटी को जमा करना होगा. वहीं अप्रूवल मिलते ही आपको 10 साल का रेजिडेंस परमिट दे दिया जाएगा. स्पेन और पुर्तगाल देशों के गोल्डन वीजा प्रोग्राम बंद करने के बाद सेंट्रल यूरोप का देश हंगरी निवेशकों की पसंद बना रहा है. इसके अलावा यह देश लोगों को इसलिए भी आकर्षित कर रहा है क्योंकि हंगरी की राजधानी जहां यूरोपीय संस्कृति को दर्शाती है वहीं दूसरी तरफ यहां रहने का खर्च बाकी देशों से कम है.