आज के दौर में सोशल मीडिया जिंदगी का बड़ा हिस्सा बन चुका है. हर दिन न जाने कितने वीडियो, फोटो और पोस्ट हमारे मोबाइल स्क्रीन पर आते रहते हैं. कभी कोई नेता अजीब बयान देता हुआ दिख जाता है, कभी किसी सेलिब्रिटी का कोई ऐसा वीडियो आ जाता है जिसे देखकर भरोसा ही नहीं होता है. ये देखने में सब कुछ इतना असली लगता है कि हम तुरंत यकीन कर लेते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है जो वीडियो आप देख रहे हैं, वो सच में असली भी है या नहीं.

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AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तेजी से बढ़ती दुनिया में अब कुछ भी बनाना मुश्किल नहीं रहा है. फोटो हो, वीडियो हो या आवाज सब कुछ कुछ ही सेकंड में तैयार हो जाता है. इसी वजह से डीपफेक वीडियो का खतरा बढ़ गया है. यह वह नकली वीडियो होते हैं जो इतने असली लगते हैं कि असली-नकली में फर्क कर पाना मुश्किल हो जाता है. लेकिन अगर आप थोड़ी सावधानी रखें तो बहुत आसानी से पहचान सकते हैं कि वीडियो AI से बना है या असली है,  तो चलिए जानते हैं कि कौन सा वीडियो AI है और कौन सा नहीं कैसे पहचान कर सकते हैं. 

कौन सा वीडियो AI है और कौन सा नहीं कैसे पहचान कर सकते हैं

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1. चेहरे के हावभाव गौर से देखें - AI भले ही कितना भी एडवांस हो जाए, चेहरे के छोटे-छोटे एक्सप्रेशन में अक्सर गड़बड़ कर ही देता है. जिसमें चेहरे की मुस्कान असली जैसी नहीं लगती, लिप-सिंक आवाज से मैच नहीं होता, भौहें, गाल या ठोड़ी की मूवमेंट कभी-कभी बहुत अजीब लगती है. असली इंसान चेहरे को बहुत नैचुरल तरीके से हिलाता है, जबकि डीपफेक में थोड़ी कठोरता या अनियमितता दिख जाती है. 

2. आंखों की मूवमेंट सबसे बड़ा संकेत - आंखें इंसान के चेहरे का सबसे नैचुरल हिस्सा होती हैं और AI अभी भी इन्हें पूरी तरह सही नहीं बना पाता है. AI वीडियो में आंखें कम झपकती हैं या बहुत तेज झपकती हैं, पुतलियों की दिशा अचानक बदल जाती है, आंखों में नेचुरल चमक नहीं होती है. 

3. वीडियो की लाइटिंग और शैडो चेक करें - असली वीडियो में लाइट चेहरे, कपड़ों और बैकग्राउंड पर स्वाभाविक तरीके से पड़ती है. लेकिन AI-वीडियो में अक्सर चेहरे पर लाइट बाकी फ्रेम से मैच नहीं करती, छाया एक तरफ से आती दिखती है जबकि रोशनी दूसरी दिशा से आती है. अलग-अलग शॉट्स में चेहरे की चमक बदल जाती है. ये AI की सबसे आम गलती है. 

4. वीडियो को पॉज करके हर फ्रेम को ध्यान से देखें - AI से बने वीडियो में जब आप किसी फ्रेम को रोकते हैं, तो कई बार छोटी-छोटी गड़बड़ियां दिख जाती हैं. इसमें चेहरे के किनारे धुंधले होते हैं, बाल अजीब तरीके से मिल जाते हैं, बैकग्राउंड में ग्लिच दिखता है, आंखें या दांतों का  साइज अचानक बदल जाता है.अगर फ्रेम-टू-फ्रेम चीजें एक जैसी नहीं हैं तो वीडियो नकली हो सकता है. 

5. आवाज और टोन पर ध्यान दें - AI आवाजें बहुत परफेक्ट या मशीन जैसी लगती हैं. आप ध्यान दें कि आवाज में इमोशनस की कमी होती है, टोन हमेशा एक जैसा रहता है, बैकग्राउंड नॉइज नकली लगता है, बोलने की स्पीड बहुत स्मूथ या ज्यादा साफ होती है. असली इंसान की आवाज में उतार-चढ़ाव और इमोशनस होती हैं. 

6. फोटो या वीडियो का बैकग्राउंड चेक करें - AI अक्सर बैकग्राउंड में गलतियां करता है. जैसे बैकग्राउंड बहुत ज्यादा साफ और परफेक्ट होता है या फिर कुछ चीजें ब्लर और टूटी-फूटी दिखती हैं. कई बार चीजें जैसे पेड़, दीवारें, चेयर अधूरी लगती हैं. असली फोटो या वीडियो में बैकग्राउंड वैसा ही होता है जैसा कैमरा कैप्चर करता है. 

7. उंगलियां, कान और आंखें AI की सबसे बड़ी पहचान - कई AI फोटो या वीडियो में उंगलियां ज्यादा या कम हो जाती हैं. कानों का साइज गलत दिखता है, आंखें बराबर नहीं होती है. अगर थोड़ी भी गलती दिखे समझ लीजिए वीडियो नकली हो सकता है. 

8. गूगल रिवर्स इमेज सर्च और टूल्स का यूज करें - आप आसानी से पता कर सकते हैं कि किसी वीडियो या फोटो का सोर्स क्या है. इसमें सबसे आसान टूल्स Google Lens , फोटो, स्क्रीनशॉट अपलोड करो, उसका सोर्स ढूंढना. इसके अलावा InVID, वायरल वीडियो की सच्चाई जांचने वाला भरोसेमंद टूल. इनसे आपको पता चल जाएगा कि वीडियो असली है, पुराना है या एडिट किया गया है. 

9. AI-डिटेक्शन टूल्स की मदद भी लें - कुछ खास वेबसाइटें फोटो, वीडियो, लेख और ऑडियो को स्कैन करके बताती हैं कि वह AI-generated है या नहीं. इसके लिए यूजफुल टूल AI or Not, GPTZero, ZeroGPT, QuillBot Detector और TheHive AI Detector है.  इनमें बस कंटेंट अपलोड करो, और ये बता देते हैं कि वह कितना प्रतिशत AI से बना है. 

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