Salary Of Deputy CM: बिहार में नई सरकार का गठन हो चुका है. नीतीश कुमार समेत तमाम नए मंत्रियों ने शपथ ले ली है. अब एक सवाल यह है कि डिप्टी सीएम की सैलरी आखिर कितनी होती है? क्या उन्हें कैबिनेट मंत्री से ज्यादा वेतन मिलता है या नहीं? इसी वजह से इनकी सैलरी और सुविधाओं को लेकर उठी जिज्ञासा का आपको जवाब देते हैं.

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डिप्टी सीएम को कितनी मिलती है सैलरी?

बिहार की राजनीति में डिप्टी सीएम का पद हमेशा से सुर्खियों में रहता है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि डिप्टी सीएम एक प्रतीकात्मक पद होता है, जिसका उल्लेख संविधान में कहीं नहीं है. इसका मतलब साफ है कि जिस तरह से एक आम मंत्री को वेतन, भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं, ठीक वैसी ही सुविधाएं डिप्टी सीएम को भी मिलती हैं. वेतन में न कोई अतिरिक्त भुगतान और न ही कोई अलग श्रेणी, चाहे राजनीतिक वजन कितना भी बड़ा क्यों न हो.

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कितना होता है किसी मंत्री का वेतन

अगर बात की जाए हर महीने मिलने वाली आय की, तो यह संरचना बिहार में पहले से तय है. मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार किसी भी मंत्री का मूल वेतन प्रति माह 65,000 रुपये है. इसके अलावा 70,000 रुपये का क्षेत्रीय भत्ता भी मिलता है, जो मंत्री की जिम्मेदारियों और क्षेत्रीय गतिविधियों को देखते हुए दिया जाता है. 

कितने मिलते हैं भत्ते

दैनिक भत्ता भी काफी ज्यादा है, 3,500 रुपये प्रति दिन, जो रोजमर्रा के सरकारी कार्यों के दौरान खर्च के रूप में निर्धारित है. इसके साथ ही राज्य मंत्री और उप मंत्री को क्रमशः 29,500 रुपये और 29,000 रुपये का गेस्ट अलाउंस दिया जाता है. आतिथ्य भत्ता यानी हॉस्पिटैलिटी अलाउंस करीब 20,000 रुपये हर महीने मिलता है. इन सभी भत्तों को मिलाकर एक मंत्री की कुल मासिक आय लगभग ढाई लाख रुपये के आसपास पहुंचती है.

डिप्टी सीएम को भी बिल्कुल यही सब मिलता है, न कम, न ज्यादा. इसलिए मंत्री और डिप्टी सीएम की सैलरी में कोई अंतर नहीं होता है. 

अप्रैल में हुआ था बदलाव

अप्रैल 2025 में बड़ा बदलाव किया गया था, जिसमें कैबिनेट ने मंत्रियों के वेतन और भत्तों में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी का फैसला लिया था. इससे पहले मूल वेतन 50,000 रुपये, क्षेत्रीय भत्ता 55,000 रुपये और दैनिक भत्ता 3,000 रुपये था. गेस्ट अलाउंस भी कम था, लेकिन संशोधन के बाद ही मौजूदा राशि लागू हुई. यह संरचना मंत्रिमंडल सचिवालय के आदेश के बाद प्रभावी मानी जाती है.

अन्य सुविधाएं

सैलरी के अलावा मंत्रियों और डिप्टी सीएम को कई सुविधाएं भी मिलती हैं, जैसे- सरकारी वाहन, ड्राइवर, आवास, सुरक्षा, आधिकारिक स्टाफ और कार्यालय से जुड़ी अन्य सुविधाएं. ये सब मंत्री (वेतन एवं भत्ते) अधिनियम 2006 के तहत निर्धारित हैं. 

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