संसद का शीतकालीन सत्र जारी है. इस बार शीतकालीन सत्र में एक हैरान करने वाली घटना हुई थी. अभी कुछ दिनों पहले ही संसद में दो युवकों ने घुसपैठ करके टियर गैस फेंकी थी. जिस के चलते संसद पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई थी. इसके बाद संसद में खूब हंगामा हुआ था, हंगामे के चलते हैं संसद के दोनों सदनों को मिलाकर कुल 141 सांसद निलंबित भी कर दिए गए हैं. जिनमें मनोज झा, जय राम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फारूक अब्दुल्ला, शशि थरूर मनीष तिवारी और डिंपल यादव जैसे बड़े नेताओं के नाम है. सामान्य तौर पर अगर कोई सरकारी अधिकारी निलंबित होता है तो उसे आधी सैलरी दी जाती है. लेकिन क्या आपको पता है अगर कोई सांसद निलंबित होता है तो उसे कितनी सैलरी मिलती हैं? आइए आपको बताते हैं. 


सांसदो को मिलती है पूरी सैलरी


सामान्य तौर पर अगर कोई सरकारी अधिकारी निलंबित किया जाता है. तो फिर उसे उसकी आधी सैलरी दी जाती है. लेकिन सांसदों के मामले में ऐसा नहीं है. निलंबन के बाद भी सांसदों को उनकी पूरी सैलरी दी जाती है. हाल ही में संसद से जो 141 सांसद निलंबित हुए हैं उन सभी को पूरी सैलरी मिलेगी. बस बदलाव इतना होता है कि सासंदो को संसद से मिलने वाले दैनिक भत्ते रुक जाते हैं. क्योंकि वह सिर्फ उन सांसदों को मिलते हैं जो संसद सत्र के दौरान रोजाना रजिस्टर पर दस्तखत करते हैं. निलंबन के बाद संसद संसद सत्र के अंदर प्रवेश नहीं कर सकते. ऐसे में वह रजिस्टर पर दस्तखत नहीं कर सकते. जिसके चलते उसे दौरान दैनिक भत्ते नहीं दिए जाते हैं.


निलंबन क्यों होता है?


संसद में सदन की कार्यवाही बिना किसी रुकावट के चल सके. ये कार्य लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति के जिम्मे होता है. लेकिन अगर किसी सांसद द्वारा सदन की कार्यवाही में किसी प्रकार की कोई बाधा पहुंचाई जाती है तो फिर इनमें से कोई भी उस सदस्य को सदन से बाहर जाने कि लिए कह सकता है. सदन की कार्यवाही बिना किसी बाधा के चल सके, इसकी जिम्मेदारी लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा में सभापति की होती है.


अगर कोई सांसद इस कार्यवाही में बाधा पहुंचाता है और इन्हें ऐसा लगता है तो सदस्य को सदन से बाहर जाने के लिए कह सकते हैं. नियम 373 के तहत एक दिन के लिए किसी सदस्य को निलंबित किया जा सकता है. लेकिन किसी सदस्य के चलते बार-बगर कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हो रही है तो फिर नियम 374 के तहत पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जा सकता है.


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